Solar Eclipse in Jharkhand: गुमला में आंशिक रूप से दिखायी दिया सूर्यग्रहण, मंदिर के साथ दुकान भी रहे बंद

इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण मंगलवार को गुमला में आंशिक रहा. इस दौरान मंदिरों के कपाट के साथ-साथ शहर के दुकान भी बंद रहे. वहीं, लोगों ने सूर्यग्रहण को देखने में पूरी सावधानी बरती. इधर, सूर्यग्रहण खत्म होने के साथ ही मंदिरों के पट खुले.

By Samir Ranjan | October 25, 2022 7:32 PM
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Solar Eclipse in Jharkhand: गुमला में सूर्यग्रहण का आंशिक रूप दिखायी दिया. ग्रहण को लेकर लोगों ने पूरी सावधानी बरती. सूर्यग्रहण के कारण गुमला में कई दुकानें बंद रही. गुमला शहर के सप्ताहिक बाजार पर भी इसका असर पड़ा. दूर-दराज के किसान बाजार नहीं पहुंचे. ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले ही गुमला जिले के सभी मंदिरों के दरवाजा बंद कर दिया गया था. ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों का दरवाजा खोला गया. इसके बाद विधि-विधान के साथ पूजा पाठ किया गया.

Solar eclipse in jharkhand: गुमला में आंशिक रूप से दिखायी दिया सूर्यग्रहण, मंदिर के साथ दुकान भी रहे बंद 2

गुमला शहर में नहीं खुले पूजा पंडालों के पट

गुमला में जगह-जगह मां काली व लक्ष्मी की पूजा होती है. लेकिन, ग्रहण को देखते हुए कई पूजा पंडालों का पट नहीं खोला गया. सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा पंडालों का पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया. इस प्रकार गुमला में दो दिनों तक काली पूजा की जा रही है. इधर, गुमला शहर में कई लोगों ने सूर्य ग्रहण का नजारा देखा. गुमला के लालचंद अग्रवाल ने सूर्य ग्रहण का नजारा देंखे. उन्होंने फोटो भी खींचे. उन्होंने बताया कि गुमला में आंशिक रूप से सूर्य ग्रहण देखा गया है. इधर, कई लोग छत पर खड़े होकर सूर्य ग्रहण देखते हुए नजर आये.

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सूतल काल में मंदिरों में नहीं होता पूजा-पाठ

गुमला शहर के लोहरदगा रोड स्थित गोपाल मंदिर के पुजारी कृष्णकांत पाठक ने पंचांग के कहा कि सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले मंदिर का पट बंद हो जाता है. जिसे सूतक काल कहते हैं. इस दौरान मंदिर में पूजा-पाठ नहीं होता है. किसी भी प्रकार का शुभ काम नहीं होता है. वहीं, इस अवधि में भोजन नहीं करना चाहिए और सूर्य को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इस दौरान मानसिक रूप से जाप करने पर सिद्धि प्राप्त होती है.

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.

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