गुमला और चैनपुर में बनेगा सौर ऊर्जा से चालित मिनी कोल्ड स्टोरेज, जानें क्या होगा फायदा
गुमला एवं चैनपुर प्रखंड के सब्जी उत्पादक किसानों के लिए एक-एक सौर ऊर्जा चालित मिनी कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना है. यह योजना झारखंड सरकार की है.
गुमला जिला के सदर प्रखंड गुमला एवं चैनपुर प्रखंड के सब्जी उत्पादक किसानों के लिए एक-एक सौर ऊर्जा चालित मिनी कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना है. यह योजना झारखंड सरकार की है. सौर ऊर्जा चालित मिनी कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड सरकार द्वारा जिला सहकारिता विभाग गुमला से प्रस्ताव बना कर मांगा गया था.
जिसके आलोक में विभाग ने सदर प्रखंड गुमला के गुमला लैंपस, पैक्स परिसर एवं चैनपुर प्रखंड के रामपुर लैंपस-पैक्स परिसर में पांच-पांच मीट्रिक टन क्षमता वाले सौर ऊर्जा चालित मिनी कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए लगभग 42 लाख का प्रस्ताव बनाया है. इधर, विभाग ने प्रस्ताव बनाने के बाद अनुमोदन के लिए उपायुक्त गुमला को सौंपा गया है. उपायुक्त से अनुमोदन होने के बाद प्रस्ताव कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड सरकार को भेजा जायेगा.
गुमला व चैनपुर में सब्जी उत्पादन अधिक :
यहां बताते चले कि कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड सरकार द्वारा ऐसे जगहों पर सौर ऊर्जा चालित मिनी कोल्ड स्टोरेज के निर्माण का प्रस्ताव मांगा गया था. जहां सब्जी की पैदावार अधिक होती हो. सरकार द्वारा प्रस्ताव मांगे जाने के बाद विभाग ने अधिक सब्जी की पैदावार होने वाले प्रखंडों का सर्वे कराया.
सर्वे के बाद गुमला व चैनपुर प्रखंड का चयन सौर ऊर्जा चालित मिनी कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए किया गया. हालांकि सिसई, भरनो, घाघरा आदि प्रखंडों में भी अन्य प्रखंडों की अपेक्षा सब्जी की अधिक पैदावार होती है. गुमला एवं चैनपुर प्रखंड में सौर ऊर्जा चालित मिनी कोल्ड स्टोरेज के सक्सेस होने पर अन्य प्रखंडों में भी स्टोरेज बनाया जायेगा.
जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा :
जिला सहकारिता पदाधिकारी (डीसीओ) मंजू बिरजिनिया एक्का ने बताया कि सरकार द्वारा प्रस्ताव मांगे जाने के बाद गुमला व चैनपुर में एक-एक सौर ऊर्जा चालित मिनी कोल्ड स्टोरेज निर्माण का प्रस्ताव बनाया गया है. स्टोरेज बनने से सब्जी उत्पादक किसान लाभान्वित होंगे. सब्जी जब तक पौधे में लगा रहता है. जल्दी खराब नहीं होता है. परंतु पौधे से तोड़ने के बाद यदि जल्द ही उसका उपयोग नहीं किया जाता है तो वह खराब होने लगता है. जिससे सब्जी उत्पादक किसानों को सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान होता है. परंतु स्टोरेज में रखी जाने वाले सब्जियां कई दिनों तक खराब नहीं होगी.