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पिता को खून चढ़ाने के लिए भटकता रहा पुत्र

गुमला सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. आये दिन शिकायतें आती रहती है. अस्पताल की अव्यवस्था के कारण मरीजों को आये दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है. ऐसा ही एक मामला शनिवार को प्रकाश में आया है. एक पुत्र अपने पिता को खून चढ़ाने के लिए दो दिन तक भटकता रहा, परंतु अस्पताल ने बीमार पिता को खून नहीं चढ़ाया.

  • अस्पताल ने कहा खून नहीं है, बेटे ने डोनर खोज कर डोनेट कराया खून.

  • खून डोनेट होने के बाद भी 24 घंटे तक खून नहीं चढ़ाया गया.

  • प्रभात खबर ने जब खून नहीं चढ़ाये जाने की पड़ताल शुरू की, तो चढ़ाया गया खून.

गुमला : गुमला सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. आये दिन शिकायतें आती रहती है. अस्पताल की अव्यवस्था के कारण मरीजों को आये दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है. ऐसा ही एक मामला शनिवार को प्रकाश में आया है. एक पुत्र अपने पिता को खून चढ़ाने के लिए दो दिन तक भटकता रहा, परंतु अस्पताल ने बीमार पिता को खून नहीं चढ़ाया.

जबकि खुद पुत्र ने अपने दोस्त की मदद से अस्पताल में एक यूनिट ए पॉजिटिव खून डोनेट कराया है. इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन मरीज को खून चढ़ाने के नाम पर पुत्र को दौड़ाता रहा. हालांकि शनिवार को जब प्रभात खबर ने मामले की जानकारी मिलने के बाद खून नहीं चढ़ाने के कारणों की पड़ताल शुरू की, तो अस्पताल ने आनन-फानन में मरीज को खून चढ़ाया है.

क्या है मामला

डुमरी प्रखंड के नवगाई गांव निवासी कोरवा कुम्हार (50) को तत्काल में ए पॉजिटिव खून की जरूरत थी. उसका पैर फ्रैक्चर होने के कारण दो माह से गुमला सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. 23 जून को पैर का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद उसके शरीर में खून की कमी हो गयी थी. डॉक्टर ने कोरवा को खून चढ़वाने के लिए कहा. इसके बाद कोरवा के पुत्र अशोक कुम्हार 25 जून करीब 12 बजे से अपने पिता को खून चढ़वाने के लिए अस्पताल में इधर-उधर भटकता रहा.

अस्पताल ने कहा कि हमारे ब्लड बैंक में ए पॉजिटिव खून नहीं है, इसलिए खून नहीं चढ़ा सकते. अस्पताल ने डोनर खोज कर लाने के लिए कहा. इसके बाद पुत्र अशोक ने अपने एक दोस्त की मदद ली और 26 जून को ए पॉजिटिव खून अस्पताल के ब्लड बैंक में डोनेट किया. अस्पताल को एक यूनिट ब्लड मिल गया, परंतु 24 घंटे तक ब्लड बैंक खून को रखे रहा और मरीज को नहीं चढ़ाया. जब शनिवार को इसकी जानकारी प्रभात खबर को हुई और खून नहीं चढ़ाने के कारण की पड़ताल शुरू की गयी, तो अस्पताल प्रबंधन ने आनन फानन में दिन के एक बजे मरीज को खून चढ़ाया. खून चढ़ने के बाद मरीज ठीक है.

ऑपरेशन के बाद खून की कमी हुई थी

पुत्र अशोक कुम्हार ने बताया कि उसके पिता कोरवा कुम्हार के पैर में भारी सामान गिर गया था, जिससे पैर फ्रैक्चर हो गया था. दो माह पहले उसके पिता को गुमला सदर अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज चल रहा था. 23 जून को सदर अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ द्वारा उसके पिता कोरवा के पैर का ऑपरेशन किया गया है, परंतु ऑपरेशन से कोरवा के शरीर में खून की कमी हो गयी. 25 जून को डॉक्टर ने कहा कि मरीज कोरवा को तुरंत ए पॉजिटिव खून चढ़ाना जरूरी है.

लैब टेक्नीशियन अंजु किंडो ने कहा

ब्लड बैंक गुमला के लैब टेक्नीशियन अंजु किंडो ने कहा कि उक्त युवक (अशोक कुम्हार) के डोनर ने एक यूनिट रक्तदान किया था. इसी बीच एक गंभीर मरीज अस्पताल में आ गया, तो मैंने उक्त खून उसे चढ़ा दिया. उसके बाद रक्तदान हो रहा था, तो मैंने सोचा था कि ए पॉजिटिव ब्लड आयेगा, तो मैं कोरवा कुम्हार को चढ़ा दूंगी, लेकिन ए पॉजिटिव खून नहीं आया. जिस कारण समय पर कोरवा को खून नहीं चढ़ा पायी. वर्तमान में ब्लड बैंक में खून का स्टॉक काफी कम है. ए पॉजिटिव खून नहीं है, जिसके कारण परेशानी हो रही है.

व्यवस्था में नहीं हो रहा है सुधार

23 जून को समय पर खून नहीं मिलने से ब्लड कैंसर से पीड़ित 15 वर्षीय दीपू सिंह की अस्पताल में मौत हो गयी थी. अस्पताल ने दीपू को खून चढ़ाने में देर कर दी थी, जबकि समय पर खून देकर दीपू की जान बचायी जा सकती थी. दीपू की मौत के बाद भी अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. आये दिन अस्पताल की अव्यवस्था के बारे में िशकायतें आती रहती हैं.

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