डुमरी : डुमरी प्रखंड के दो आदिवासी युवक दिनेश भगत व निर्दोष भगत ने मिल कर बत्तख पालन शुरू किया है. बड़े पैमाने पर बत्तख का पालन कर रहे हैं. दोनों युवकों को अच्छी आमदनी हो रही है. अलग तरह के व्यवसाय करने के कारण दोनों युवक प्रखंड में दूसरे युवकों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गये हैं.
इन दोनों युवकों ने आदिवासी बहुउद्देशीय उत्थान सहकारी समिति लिमिटेड रांची के सहयोग से बत्तख पालन शुरू किया है. दिनेश भगत ने बताया कि एक वर्ष पूर्व में हमारा परिचय रांची के बत्तख हेचरी में काम करने वाले एक व्यक्ति से हुआ था. उसी ने बताया था कि सरकार द्वारा आदिवासी युवाओं को रोजगारपरक योजना से जोड़ने के लिए कई तरह की योजनाए चलायी जा रही है.
इसके पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य आदिवासी युवा पढ़ लिखकर बेरोजगार न रहे. किसी भी योजना का लाभ लेकर स्वावलंबी बनें. इसके अलावा कई प्रकार की जानकारी दी. इस योजना के तहत मुर्गी पालन, बत्तख पालन, मशरूम उत्पादन, सूअर पालन, बकरी पालन, खेती के लिए खाद्य, बीज सहित कई प्रकार की योजना शामिल है. उनके सहयोग से हमलोगों ने हेचरी से 900 बत्तख चूजा पालने के लिए लेकर आये हैं. जहां लगभग 60 हजार रुपये की पूंजी लगी है. चूजा के साथ दवाई व दाना भी दिया गया था.
परंतु इधर लॉकडाउन में दवाई नहीं मिलने पर लगभग तीन सौ चूजा मर गये. तीन माह में चूजा बढ़ कर तैयार हो गये. उन्होंने बताया कि रांची की समिति द्वारा तैयार बत्तख को खरीदने की बातें कही गयी है. इसलिए हमें बाजार में बेचने व नुकसान उठाने का डर नहीं है. हमने उनकी मांग के हिसाब से चूजा लेकर आये हैं. ताकि समिति को अधिक से अधिक बत्तख की आपूर्ति की जा सके.