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शिक्षा विभाग की अनदेखी का शिकार हुई मैट्रिक परीक्षा की स्टेट टॉपर, साइंस पढ़ने की चाहत छोड़ आर्ट्स में लिया दाखिला

Jharkhand news, Gumla news : गुमला जिला अंतर्गत बिशुनपुर प्रखंड के टुटुवापानी गांव की विलुप्त प्राय: आदिम जनजाति की मुनीता बृजिया इंटर में साइंस पढ़ना चाहती है. लेकिन, शिक्षा विभाग द्वारा किसी प्रकार की मदद नहीं मिली, तो वह आर्ट्स में नामांकन करा ली है. मुनीता कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्रा रही है. मैट्रिक परीक्षा, 2020 में स्टेट टॉपर है. मुनीता ने कहा कि जब वह स्टेट टॉपर बनी, तो उसने साइंस से इंटर करने की इच्छा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखी थी. इसके लिए मदद भी मांगी थी. शिक्षा विभाग ने वादा किया था कि मुनीता की पढ़ाई में प्रशासन मदद करेगी. यहां तक कि गुमला डीसी ने भी डीइओ सुरेंद्र पांडे के मोबाइल से मुनीता से बात किये थे.

Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : गुमला जिला अंतर्गत बिशुनपुर प्रखंड के टुटुवापानी गांव की विलुप्त प्राय: आदिम जनजाति की मुनीता बृजिया इंटर में साइंस पढ़ना चाहती है. लेकिन, शिक्षा विभाग द्वारा किसी प्रकार की मदद नहीं मिली, तो वह आर्ट्स में नामांकन करा ली है. मुनीता कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्रा रही है. मैट्रिक परीक्षा, 2020 में स्टेट टॉपर है. मुनीता ने कहा कि जब वह स्टेट टॉपर बनी, तो उसने साइंस से इंटर करने की इच्छा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखी थी. इसके लिए मदद भी मांगी थी. शिक्षा विभाग ने वादा किया था कि मुनीता की पढ़ाई में प्रशासन मदद करेगी. यहां तक कि गुमला डीसी ने भी डीइओ सुरेंद्र पांडे के मोबाइल से मुनीता से बात किये थे.

उपायुक्त ने भी मुनीता की पढ़ाई में मदद का आश्वासन दिये थे. लेकिन, जब इंटर में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई तो प्रशासन ने मुनीता के नामांकन में मदद नहीं की. जिस कारण मुनीता ने बिशुनपुर प्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में इंटर आर्ट्स में नामांकन करा ली. मुनीता ने कहा कि बिशुनपुर में साइंस की पढ़ाई नहीं होती है. गुमला कस्तूरबा में साइंस की पढ़ाई की व्यवस्था है. टुटुवापानी गांव से गुमला की दूरी 85 किमी दूर है. गरीबी के कारण वह गुमला नहीं जा पायी.

कोरोना संक्रमण के कारण गाड़ी भी नहीं चल रही है. दूसरी गाड़ी बुक कर गुमला जाने के लिए उसके परिवार के पास पैसा भी नहीं है. इसलिए मजबूरी में वह आर्ट्स में दाखिला ले ली. मुनीता ने गुमला प्रशासन से गुहार लगायी है कि अगर प्रशासन मदद करे, तो वह साइंस में नामांकन लेकर पढ़ेगी. जिससे वह पढ़ाई कर साइंस की टीचर बन सके. मुनीता ने कहा कि गरीबी के कारण वह निजी कॉलेज में इंटर साइंस में पढ़ने में असमर्थ है. सरकारी मदद से ही वह साइंस की पढ़ाई कर सकती है.

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गरीबी के कारण बड़ी बहन की पढ़ाई बंद

मुनीता की बड़ी बहन संजीता बृजिया है. 2016 में वह इंटर पास की. गरीबी के कारण वह स्नातक की पढ़ाई नहीं कर सकी. संजीता भी पढ़ने में तेज है. मैट्रिक एवं इंटर में वह प्रथम श्रेणी से पास हुई है. संजीता ने कहा कि उनके माता- पिता के पास इतने पैसे नहीं है कि उसका नामांकन कॉलेज में करा सके. इसलिए वह पढ़ाई छोड़कर 4 साल से घर पर ही है. उसका बड़ा भाई सुनेश बृजिया एवं मुनेश बृजिया मजदूरी करते हैं. मजदूरी से जो पैसा आता है. उससे घर का चूल्हा जलता है. संजीता ने कहा कि वह स्नातक में पढ़कर अपनी अलग पहचान बनाना चाहती है. इसके लिए प्रशासन मदद करें. मुनीता एवं संजीता की छोटी बहन रीता बृजिया अभी कस्तूरबा स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ रही है. रीता भी अपनी बहनों के तरह मैट्रिक एवं इंटर में बेहतर अंक लाने के लिए अभी से पढ़ाई कर रही है.

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घर में शौचालय नहीं, बिरसा आवास भी अधूरा

मैट्रिक की परीक्षा में कस्तूरबा स्कूल स्तर में मुनीता बृजिया स्टेट टॉपर रही. परंतु दुर्भाग्य है. वह खुले में शौच करने जाती है. उसके घर में शौचालय नहीं है. यहां तक कि आदिम जनजाति समुदाय से होने के कारण उसके पिता सीताराम बृजिया के नाम से बिरसा आवास स्वीकृत हुआ है. लेकिन, एक साल से आवास का काम अधूरा है. ठेकेदार ने दीवार खड़ा करके छोड़ दिया है. जिस कारण मुनीता के परिवार के लोगों को खपड़ानुमा घर में रहने को विवश होना पड़ रहा है. मुनीता ने कहा कि परिवार के सभी लोग खेत में शौच करने जाते हैं.

माता- पिता होटल में काम करते हैं

स्टेट टॉपर मुनीता के पिता सीताराम बृजिया एवं मां जाहरी बृजिया टुटुवापानी गांव के मोड़ के समीप स्थित एक होटल में दैनिक मानदेय पर मजदूरी का काम करते हैं. होटल में काम करके जो पैसा मिलता है. उसी से अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं. बड़ा भाई सुनेश बृजिया बॉक्साइड ट्रक में मजदूरी करता है. वह शादीशुदा है. वहीं, एक भाई मुनेश बृजिया का अभी हाल में ही आईआरबी में कूक में बहाली हुआ है.

4 महीने से बिजली नहीं, पढ़ाई बाधित

टुटुवापानी गांव में चार महीने से बिजली नहीं है. जिस कारण मुनीता बृजिया सहित गांव के अन्य छात्र- छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी आ रही है. यहां तक कि गुमला शहर के कई स्कूल एवं कॉलेज में गांव के दर्जनों छात्र- छात्राएं पढ़ाई करते हैं, लेकिन गांव में बिजली नहीं रहने के कारण पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. मुनीता ने कहा है कि अगर बिजली रहता, तो वह मैट्रिक रिजल्ट के बाद से ही पढ़ाई शुरू कर देती है. लेकिन, वर्तमान स्थिति में वह पढ़ाई नहीं कर पा रही है.

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इस संबंध में बिशुनपुर की प्रखंड विकास पदाधिकारी छंदा भट्टाचार्य कहती हैं कि इस संदर्भ में संबंधित पंचायत की मुखिया से बात करती हूं. मुनीता बृजिया के घर में शौचालय बनेगा. अगर मुनीता का परिवार खुद भी शौचालय बना लें, तो प्रशासन शौचालय बनाने का पैसा देगी.

मुनीता का इंटर साइंस में होगा नामांकन : एडीपीओ

वहीं, शिक्षा विभाग के एडीपीओ पियुष कुमार कहते हैं कि मुनीता बृजिया साइंस सबजेक्ट पढ़ना चाहती है, तो उसका इंटर साइंस में गुमला कस्तूरबा में नामांकन कराया जायेगा. अगर वह आर्ट्स में नामांकन करा ली है, तो बिशुनपुर से नाम हटाकर गुमला कस्तूरबा में नामांकन होगा.

मिशन बदलाव सहयोग करने को तैयार : जितेश मिंज

दूसरी ओर, मिशन बदलाव के संयोजक जितेश मिंज ने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि मुनीता बृजिया का इंटर साइंस में नामांकन करा दें. वहीं, मुनीता की बड़ी बहन संजीता के स्नातक में नामांकन में भी मदद करें. अगर प्रशासन मदद नहीं करती है, तो हमलोग मदद करेंगे.

Posted By : Samir Ranjan.

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