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गुमला सिसई रोड छठ तालाब में सूर्यदेव की प्रतिमा होगी स्थापित, 7 घोड़ों पर सवार भगवान का दर्शन करेंगे श्रद्धालु

आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर है. छठ पूजा समितियों एवं नगर परिषद द्वारा जहां छठ तालाबों का साफ-सफाई और छठ तालाब पहुंचने वाले पथ के गड्ढों को भरने का काम कराया जा है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 30, 2021 1:24 PM

गुमला : आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर है. छठ पूजा समितियों एवं नगर परिषद द्वारा जहां छठ तालाबों का साफ-सफाई और छठ तालाब पहुंचने वाले पथ के गड्ढों को भरने का काम कराया जा है. वहीं दूसरी ओर छठ पूजा करने वाले श्रद्धालुओं ने छठ पूजा की सामग्रियों की खरीदारी शुरू कर दी हैं.

वहीं इस वर्ष छठ पूजा के दौरान सिसई रोड स्थित छठ तालाब में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सात घोड़ों पर सवार भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. छठ तालाब में विगत तीन वर्षों से छठ पूजा के दौरान सात घोड़ों पर सवार भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित की स्थापित की जा रही है.

जो लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बना रहता है. बतातें चले कि पूर्व में सिसई रोड छठ तालाब में थर्माकोल एवं लकड़ी बीट का सूर्यमंदिर तालाब के बीच में रखा जाता था. सूर्यमंदिर को गुमला शहर में रहने वाले मोहन पासवान बनाते थे. सूर्यमंदिर के निर्माण में जो भी खर्च होता था. उस खर्च को वे स्वयं वहन करते थे.

तालाब के बीच में सूर्यमंदिर के होने से तालाब की सुंदरता बढ़ जाती थी. परंतु इधर, विगत तीन वर्षों से तालाब के बीच में सात घोड़ों पर सवार भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. प्रतिमा इस वर्ष भी स्थापित की जायेगी. प्रतिमा का निर्माण कार्य चल रहा है. सूर्यदेव और सात घोड़ों की प्रतिमा बन गयी है.

मूर्तिकार राजकुमार प्रजापति उक्त प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. छठ पूजा के दौरान दो दिन तक प्रतिमा तालाब की शोभा बढ़ायेगी. इसके बाद उसी तालाब में प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा.

शहर में तीन स्थानों पर होगी काली पूजा :

गुमला में मां काली पूजा की तैयारियां जोरो पर है. गुमला में प्रत्येक वर्ष शहर के पालकोट रोड स्थित मां लक्ष्मी मंदिर, मुरली बगीचा और पटेल चौक में पुराना नगरपालिका कार्यालय परिसर में मां काली पूजा की जाती है. पालकोट रोड स्थित मां लक्ष्मी मंदिर में भवन को आकर्षक रूप से सजाया जाता है.

साथ ही आकर्षक विद्युत सज्जा भी की जाती है. वहीं मुरली बगीचा एवं पुराना नगरपालिका कार्यालय परिसर में स्थानीय पूजा समितियों द्वारा भव्य पंडाल का निर्माण किया जाता है. जहां की सजावट और विद्युत सज्जा आकर्षक रहती है. पूजा को लेकर प्रतिमा का निर्माण कार्य चल रहा है.

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