बॉक्साइट माइंस जनाधिकार संघर्ष समिति ने बंद कराया बिमरला माइंस का परिचालन
बॉक्साइट माइंस जनाधिकार संघर्ष समिति ने बंद कराया बिमरला माइंस का परिचालन
घाघरा. बॉक्साइट खनन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं बहाल करने की मांग को लेकर ऑल बॉक्साइट माइंस जनाधिकार संघर्ष समिति ने गुरुवार को बिमरला माइंस का परिचालन बंद कर दिया. गुरुवार को अहले सुबह से ही संगठन के लोग आदर स्थित मलगो के पास सभी ट्रकों को रोक दिया और परिचालन बंद कर दिया. इधर, परिचालन बंद होने की सूचना पर सीओ आशीष कुमार मंडल व थाना प्रभारी तरुण कुमार जामस्थल पर पहुंच समिति के लोगों से बात कर उनकी समस्याओं को जाना. शिवकुमार भगत टुनटुन ने बताया कि पूर्व में हिंडाल्को को 18 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया है. उक्त मांग पत्र के माध्यम से बॉक्साइट खनन प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधा बहाल करने की मांग की गयी थी. यह कहा भी गया था कि यदि इस मांगों पर हिंडालको कंपनी पहल नहीं करता है, तो बिमरला माइंस को 16 जनवरी से बंद कर दिया जायेगा. श्री भगत ने कहा कि हिंडालको कंपनी से क्षेत्र में विकास करने को लेकर कई बिंदुओं पर एग्रीमेंट हुआ है, जिस पर कोई भी काम हिंडाल्को द्वारा नहीं किया गया और सिर्फ क्षेत्र की जनता को बेवकूफ बना कर क्षेत्र से खनिज को निकाल कर ले जाया जा रहा है. अब हिंडाल्को की मनमानी नहीं चलेगी. जब तक मूलभूत सुविधाएं बहाल नहीं की जायेगी, तब तक बिमरला माइंस बंद रहेगा. इस पर सीओ व थाना प्रभारी ने जामकर्ताओं को आश्वासन दिया कि 26 जनवरी से पहले कंपनी से वार्ता होगी. इसके बाद जो भी समस्याएं हैं, सभी का निदान किया जायेगा. ट्रक ओनर एसोसिएशन के लोगों ने कहा कि यदि हिंडालको वार्ता नहीं करती है, तो हम सभी स्वत: परिचालन बंद कर देंगे. शिवकुमार भगत ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के आग्रह पर हम लोगों ने अभी 26 जनवरी तक के लिए आंदोलन को रोक दिये है. लेकिन अगर कंपनी वार्ता नहीं करती है या फिर सकारात्मक पहल नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में स्थानीय प्रशासन की बात को नहीं मानेंगे और 29 जनवरी से अनिश्चितकाल समय के लिए खनन परिवहन के सारे काम बंद कर देंगे.
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