Loading election data...

Success Story: नक्सल प्रभावित गुमला के बिशुनपुर की अनीता दूसरी महिलाओं के लिए बनी प्रेरणास्रोत, जानें कैसे

नक्सल प्रभावित गुमला जिला के बिशुनपुर प्रखंड की अनीता देवी अपने अथक प्रयास से आज दूसरी ग्रामीण महिलाओं के लिए प्ररेणास्त्रोत बनी है. समूह एवं बैंक से ऋण लेकर अचार, जामुन सिरका, जामुन बीज चूर्ण, आंवला सुपारी, आंवला रस एवं मधु का उत्पादन शुरू किया. आज इनके उत्पाद की बाजार में अच्छी डिमांड है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2023 7:10 PM
an image

बिशुनपुर (गुमला), बसंत साहू : मेहनत से ही मिलती है मंजिल. यह वाक्य इन दिनों उग्रवाद से प्रभावित गुमला जिला अंतर्गत बिशुनपुर प्रखंड की अनीता देवी पर सटीक बैठ रही है. जिसने संघर्ष से भरे रास्ते तय कर मंजिल को प्राप्त किया है. बिशुनपुर प्रखंड की अनीता देवी, क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गयी है. अनीता सर्वेश्वरी महिला समूह का संचालन करती है. जहां समूह एवं बैंक से ऋण लेकर अचार, जामुन सिरका, जामुन बीज चूर्ण, आंवला सुपारी, आंवला रस एवं मधु का उत्पादन शुरू किया. शुरुआती दिनों में काफी परेशानी हुई. फिर भी वह हार नहीं मानी और संघर्ष करते हुए अपने व्यापार को आगे बढ़ाया. वह अपनी मेहनत के बल पर स्वावलंबन एवं महिला सशक्तिकरण की एक अमिट कहानी लिख डाली है. इस दौरान अनीता देवी को कई पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.

Success story: नक्सल प्रभावित गुमला के बिशुनपुर की अनीता दूसरी महिलाओं के लिए बनी प्रेरणास्रोत, जानें कैसे 2

इस प्रकार शुरू किया कारोबार

अनिता देवी जब अपना कारोबार शुरू की, तो उसके पास पूंजी का घोर अभाव था. वह सबसे पहले सर्वेश्वरी महिला समूह, बिशुनपुर के नाम से एक स्वयं सहायता समूह बनाया. जहां शुरुआती दिनों में 10 महिलाएं थीं. समूह के माध्यम से सर्वप्रथम 10 हजार रुपये का ऋण ली. जिससे वह गांव के लोगों से जामुन, आम, आंवला कटहल इत्यादि कच्चा सामग्री का खरीदारी कर उससे आचार एवं जामुन का सिरका एवं जामुन पाउडर बनाने का काम शुरू किया. शुद्ध देसी एवं घरेलू उत्पाद होने के कारण इन उत्पादों की मांग बाजार में बढ़ने लगी. जिससे वह उत्साहित होकर अपना व्यापार को और आगे बढ़ाने लगी. जिसके बाद बैंक ऑफ इंडिया से उन्हें 50,000 का ऋण पुनः मिला और आज बैंक ने उन्हें छह लाख का सीसी लोन दिया हुआ है. जिसके माध्यम से आज लगभग एक साल में लाखों रुपये का टर्नओवर करती है. साथ ही गांव के लगभग दो दर्जन महिलाओं को रोजगार भी दे रही है.

Also Read: झारखंड के इस जिले में MGNREGA में फर्जीवाड़ा, मजदूरों को न योजना और जगह की जानकारी, फिर भी मिल रही मजदूरी

प्रशासन से की सहयोग मांग

अनीता देवी ने बताया कि जिस प्रकार उत्पादन की मांग बढ़ रहा है. उसके अनुरूप उनके पास व्यवस्था की घोर कमी है. जिससे वह आपूर्ति नहीं कर पा रही है. उन्होंने बताया कि अगर जिला प्रशासन उन्हें स्फूर्ति अन्य प्रोजेक्ट से जोड़कर बड़ा लोन मुहैया कराये तो वह पूरे झारखंड के पलास मार्ट में अपना उत्पादन को भेज सकती है. साथ ही अपने आसपास के तमाम गांव की महिलाओं को भी रोजगार दे सकती है.

Exit mobile version