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झारखंड में चाय की खेती शुरू, इन दो जिलों का किया गया है चयन, सिलीगुड़ी से लाये गये हैं पौधे

झारखंड में चाय की खेती की संभावना पर टी बोर्ड के सदस्यों ने अनुशंसा की है. टी बोर्ड की एक टीम ने इसी साल जून में राज्य के कई जिलों का भ्रमण किया था. टीम के सदस्यों ने पहले चरण के लिए दो जिलों को अनुकूल पाया है

झारखंड में एक बार फिर चाय की खेती शुरू हो गयी है. पहले चरण में इसके लिए राज्य के दो जिलों हजारीबाग और गुमला का चयन किया गया है. दोनों जिलों में कुल 65 एकड़ (हजारीबाग में 25 एकड़ और गुमला में 40 एकड़) में चाय की खेती की जायेगी. हजारीबाग स्थित कृषि विभाग के डेमोटांड़ फॉर्म में चाय का पौधा लगाने का काम शुरू हो गया है. गुमला में अभी प्लॉट तैयार नहीं होने के कारण वहां पौधा नहीं लग पाया है.

इस योजना पर चालू वित्त वर्ष में करीब 1.25 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. झारखंड में चाय की खेती की संभावना पर टी बोर्ड के सदस्यों ने अनुशंसा की है. टी बोर्ड की एक टीम ने इसी साल जून में राज्य के कई जिलों का भ्रमण किया था. टीम के सदस्यों ने पहले चरण के लिए दो जिलों को अनुकूल पाया है. वहां की मिट्टी और मौसम को चाय की खेती के अनुकूल बताया है. टी बोर्ड के सदस्य दोनों स्थानों पर लगाये जानेवाले टी गार्डेन को तकनीकी सहयोग भी देंगे.

तीन साल बाद तैयार हो जायेंगे चाय के पौधे

डेमोटांड़ स्थिति फॉर्म के प्रभारी सह राज्य के उप निदेशक उद्यान राजेंद्र किशोर के अनुसार तीन साल में पौधे की पत्ती तोड़ने के लायक तैयार हो जायेगी. पौधे की आयु करीब 50 साल होती है. पहले से भी डेमोटांड़ में दो एकड़ में चाय की खेती हो रही है. इसकी गुणवत्ता की जांच भी टी-बोर्ड के सदस्यों ने की थी और क्वालिटी को अच्छ बताया था. डेमोटांड़ में कुल 25 एकड़ में चाय लगाने की तैयारी कर ली गयी है.

रिपोर्ट- मनोज सिंह

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