उधर संगठन विस्तार में जुटे हैं नक्सली, इधर प्रवासी मजदूरों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही पुलिस
नक्सल प्रभावित जिला गुमला और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में भाकपा माओवादी व पीएलएफआइ संगठन विस्तार में लगे हुए हैं. दोनों ही जगहों पर ऐसे युवाओं व प्रवासी मजदूरों को बरगला कर संगठन में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है
गुमला : नक्सल प्रभावित जिला गुमला और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में भाकपा माओवादी व पीएलएफआइ संगठन विस्तार में लगे हुए हैं. दोनों ही जगहों पर ऐसे युवाओं व प्रवासी मजदूरों को बरगला कर संगठन में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जो लॉकडाउन के दौरान घर लौटे हैं और बेरोजगार हैं. इधर, नक्सली और उग्रवादी संगठनों की इस मुहिम की भनक मिलते ही पुलिस भी सक्रिय हो गयी है. पुलिस गांवों में अभियान चला कर युवाओं और प्रवासी मजदूरों से सीधा संवाद कर रही है. साथ ही युवाओं को समाज की मुख्यधारा में रहते हुए स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है. इस अभियान का नेतृत्व खुद गुमला जिले के एसपी हृदीप पी जनार्दनन कर रहे हैं.
श्री जनार्दनन के अनुसार, वे एक एक महीने से नक्सल प्रभावित गांवों का दौरा कर रहे हैं. वे गांव के युवाओं के साथ बैठक कर उनके हुनर की जानकारी ले रहे हैं. वे युवाओं और प्रवासी मजदूरों को फोकस करते हुए उन्हें गांव में ही मुर्गी पालन, शूकर पालन, बकरी पालन, खेतीबारी समेत हुनर के अनुसार स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. इसके अलावा बसिया अनुमंडल के एसडीपीओ दीपक कुमार और चैनपुर एसडीपीओ कुलदीप कुमार समेत सभी थानेदारों को प्रत्येक गांव में ग्रामीणों से सीधा संवाद करने का टास्क दिया गया है.
एसपी खुद कर रहे हैं गांवों का दौरा, ग्रामीणों से कर रहे सीधा संवाद
पुलिस अधिकारियों को भी दिया गया टास्क
मुर्गी पालन, शूकर पालन, बकरी पालन, खेतीबारी व स्वरोजगार के लिए कर रहे प्राेत्सािहत
सूचना मिली है कि नक्सली और उग्रवादी संगठन प्रवासी मजदूरों व युवाओं को प्रलोभन देकर अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं. इसके बाद से ही पुलिस जिले के सभी गांवों में जागरूकता अभियान चला रही है, ताकि नक्सली अपने मंसूबे में कामयाब न हो पायें.
– हृदीप पी जनार्दनन, एसपी, गुमला
पीएलएफआइ का उग्रवादी बन गया प्रवासी युवक
पालकोट का एक युवक गुजरात में मजदूरी करता था. लॉकडाउन के दौरान वह घर लौटा. बेरोजगारी में वह इधर-उधर घूम रहा था. इस बीच वह पीएलएफआइ के संपर्क में आया और प्रलोभन दिये जाने पर वह उग्रवादी बन गयी. एक महीने पहले पुलिस से हुई मुठभेड़ के दौरान उसके पैर में गोली लग गयी. पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, तो उसने संगठन से जुड़ने की पूरी कहानी बतायी.
पहले बच्चों को उठाकर ले जाते थे नक्सली संगठन
गुमला जिले में पहले नक्सली गांव के नाबालिग लड़के-लड़कियों को उठाकर ले जाते थे. इसके अलावा वे गांववालों पर दबाव डालते थे कि वे अपने बच्चों को नक्सली संगठन में भेजें. 40 से अधिक बच्चों को नक्सली अपने संगठन में शामिल कर बाल दस्ता भी चलाते रहे हैं. हालांकि, बाद में पुलिस ने दर्जनों बच्चों को नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराया गया था. जबकि, कई बच्चे खुद भागकर अपने घर चले आये थे.
Post by : Pritish Sahay