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मंदिर की चहारदीवारी तोड़ पेड़ काट कर ले गये लकड़ी माफिया

हिंदू संगठन में आक्रोश, विरोध में सात घंटे जाम किया एनएच

हिंदू संगठन में आक्रोश, विरोध में सात घंटे जाम किया एनएच

सिसई.

लकड़ी माफियाओं द्वारा नीलामी में आठ यूकेलिप्टस पेड़ लेने के बाद 28 से अधिक पेड़ समेत ब्लॉक गेट के समीप स्थित शिव मंदिर परिसर की चहारदीवारी को तोड़ कर उसके अंदर के पेड़ को काटे जाने से लोगों में आक्रोश है. आक्रोशित हिंदू संगठन ने बुधवार को सात घंटे तक एनएच जाम किया. जाम की सूचना पर थानेदार संदीप कुमार यादव जाम स्थल पर पहुंच कर लोगों को समझाने का प्रयास किया, किंतु जामकर्ता गुमला डीसी को बुलाने व लकड़ी माफिया व सीओ पर कार्रवाई की मांग पर सड़क जाम पर बैठे रहे. तकरीबन सात घंटे बाद एसडीओ राजीव नीरज, एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव, बीडीओ रमेश कुमार, सीओ नितेश खलखो मौके पर पहुंच उनके द्वारा जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने, तत्काल सीओ द्वारा चहारदीवारी की मरम्मत कराने, गिराये गये पेड़ों की लकड़ी को अगले आदेश तक जब्त करने के आश्वासन के बाद जामकर्ताओं ने जाम हटाया. जामकर्ताओं का कहना था कि बिना जानकारी दिये मंदिर परिसर की चहारदीवारी तोड़ कर परिसर के अंदर के पेड़ को काटने से हिंदू धर्मावलंबियों की भावना आहत हुई है. वहीं सीओ पर लकड़ी माफियाओं से मिलीभगत और उनको संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए सीओ को अंचल से हटाने और लकड़ी माफिया पर तत्काल केस दर्ज करने की मांग की. जाम के समर्थन में पहुंचे पूर्व स्पीकर दिनेश उरांव, पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव, हिंदू जागरण मंच के परावर्तन प्रमुख संजय वर्मा ने वार्ता के दौरान एसडीओ से कहा कि बिना सीओ की मिलीभगत व संरक्षण के बिना लकड़ी माफिया बेखौफ होकर दिन दहाड़े इस तरह से प्रशासन के नाक के नीचे से पेड़ को काट कर नहीं ले जा सकते हैं. इस पर सीओ ने कहा कि अधिक पेड़ काटे जाने की सूचना मिलने पर जांच की गयी है. इसमें 28 पेड़ काटने का प्रमाण मिला है. वरीय अधिकारियों को जानकारी देकर आगे के लिए निर्देश मांगा गया है. जामकर्ताओं की हर शिकायत पर एसडीओ जांच कराने की बात कही. लोगों ने लंबी प्रशासनिक जांच की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए एसडीओ से तय समय देने की बात कही. तय समय पर कार्रवाई नहीं होने पर प्रखंड सह अंचल कार्यालय को तालाबंदी करने की बात कही है. जाम के समर्थन में हिंदू जागरण मंच, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भाजपा के कार्यकर्ता सहित स्थानीय लोग शामिल थे. इधर, लकड़ी माफियाओं को बचाने के लिए क्षेत्र के बड़े नेता लग गये हैं. यहां तक कि उन नेताओं पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई न हो. इसके लिए पैरवी की जा रही है. जबकि बताया जा रहा है कि पेड़ काटने के इस खेल में लकड़ी माफियाओं के अलावा एक राजनीति पार्टी के नेता भी शामिल हैं.

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