गुमला, जगरनाथ पासवान : गुमला कोर्ट परिसर में मंगलवार की दोपहर करीब एक बजे लोगों ने एक चोर को चोरी करते हुए रंगेहाथ पकड़ा. चोर एक बाइक की डिक्की से पैसे निकाल रहा था. इस बाइक की डिक्की में 1.29 लाख रुपये रखे हुए थे. जिसमें चोर 50 हजार रुपये का एक गड्डी निकाल चुका था और गाड़ी की डिक्की में शेष पैसे को भी निकाल रहा था. इस चोर के साथ उसका एक और साथी भी था. इसी बीच गाड़ी मालिक ने चोर को गाड़ी की डिक्की से पैसे निकालते हुए देख लिया. गाड़ी मालिक दौड़कर अपनी गाड़ी के पास पहुंचा और चोर को पकड़ लिया. इसके बाद उसने चोर को दो-तीन तमाचे जड़ दिया. वहां मौजूद अन्य लोगों ने उस माजरे को देखा और पूछताछ करने पर जब पता चला कि चोर उसकी गाड़ी से पैसे चुरा रहा था. तब लोगों ने भी चोर की पिटाई कर दी. इसी बीच सदर थाना को घटना की सूचना दी गयी. सूचना मिलते ही सदर थाना प्रभारी विनोद कुमार दल-बल के साथ कचहरी परिसर पहुंचे. जहां उन्होंने चोर को हिरासत में लेकर थाना ले गया.
क्या है मामला
पीड़ित सदर थाना अंतर्गत उरमी निवासी वीरेंद्र कुमार साहू ईंट व्यवसायी है. वीरेंद्र ने बताया कि वह गुमला यूको बैंक से 1.29 लाख रुपये निकालकर अपनी गाड़ी की डिक्की में रखा था. कुछ काम को लेकर वह कचहरी आया हुआ था. जहां कचहरी परिसर में एक किनारे पर गाड़ी खड़ी करने के बाद अपना काम करने चला गया. उधर से वापस लौटने के क्रम में देखा कि दो लोग उसकी गाड़ी की डिक्की से पैसे को निकाल रहे हैं. उन्होंने बताया कि दोनों को पैसे निकालते देख दौड़कर गाड़ी के पास पहुंचा और दोनों चोरों को पकड़ लिया. इस बीच एक चोर वहां से भाग गया. उन्होंने बताया कि चोर उसकी गाड़ी की डिक्की से 50 हजार रुपये निकाल चुका था. इससे पहले कि वह पूरा पैसा निकालकर वहां से भाग पाता. वे पकड़े गये.
वीरेंद्र के पैसे पर बैंक से ही थी चोरों की नजर
चोरी करते हुए पकड़े गये चोर ने अपना नाम प्रमोद सिंह (42 वर्ष) पिता चक्रधर सिंह बताया. उसने बताया कि वह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला अंतर्गत कापु थाना के पंडरापाठ का रहने वाला है. उसने बताया कि उसका एक और साथी था. जो भाग गया. उसने बताया कि वह बैंक से उस व्यक्ति (वीरेंद्र कुमार साहू) पर नजर रखे हुए था. उसने बताया कि उसने वीरेंद्र को बैंक से पैसे की निकासी करते और गाड़ी की डिक्की में पैसे रखते हुए देखा था. तभी से उसका पीछा कर रहे थे.
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पहले भी हो चुकी है इस प्रकार की घटना
गुमला में इस तरह की घटना कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी चोरों द्वारा रेकी कर लोगों का पैसा उड़ाया गया है. चोर किसी ने किसी बैंक में सक्रिय रहते हैं. जहां ज्यादा पैसे की निकासी करने वालों पर उनकी नजर रहती है और मौका मिलते ही पैसे ले उड़ते हैं. अन्य लोगों की तरह ही चोर भी रहते हैं. जिस कारण वे पहचाने नहीं जाते हैं. ऐसे चोरों से सावधन रहने की जरूरत है.