गुमला : सिसई प्रखंड के रेड़वा कुचईटोली गांव के रोपन गोप (96 वर्ष) व मालती देवी (91 वर्ष) 25 सालों से अपने ही घर से बाहर हैं. कभी इस घर, तो कभी उस घर में रहते हैं. वृद्ध दंपती अभी उम्र के जिस पड़ाव में हैं. इन्हें बेटा, बहू की मदद की जरूरत है. परंतु अपने ही पराये हो गये. जिस कारण वृद्ध दंपती को भटकना पड़ रहा है. इतना ही नहीं. वृद्ध दंपती को उसके ही परिवार के लोग घर से निकाल कर उनकी संपत्ति पर कब्जा कर उसे बेच रहे हैं.
रोपन गोप शिक्षक से रिटायर हुए हैं. परंतु अपने ही परिवार से वे परेशान हैं. फिलहाल में वृद्ध दंपती गुमला शहर के दुंदुरिया मुहल्ला में छोटे दामाद के घर आश्रय लिये हुए हैं. रोपन ने बताया कि उनका बेटा रवि गोप है. रवि की शादी अनिता देवी से हुई है. परंतु शादी के कुछ महीने बाद ही जमीन जायदाद का हिस्सा बंटवारा को लेकर वृद्ध दंपती को घर से निकाल दिया गया. पांच साल तक रेड़वा पेट्रोल पंप के समीप किराये के घर में रहे. फिर कुछ रिश्तेदारों ने रोपन व उसकी पत्नी को आश्रय दिया.
वृद्ध दंपती को घर से निकाले जाने के बाद गांव में पंचायत की बैठक हुई. जिसमें बेटा व बहू को समझाया गया. वृद्ध दंपती को घर पर रखने व जमीन जायदाद को नहीं बेचने की सलाह दी गयी. परंतु बेटा व बहू ने पंच की भी बात नहीं सुनी. अंत में रोपन ने थाने में शिकायत की. परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई. आये दिन वृद्ध दंपती प्रताड़ित होते रहे.
यहां तक कि रोपन को जो पेंशन मिलती थी. उसकी पेंशन भी दो लाख 45 हजार रुपये चेक में हस्ताक्षर करा कर निकाल लिया. पासबुक भी जब्त कर लिया गया है. जिससे दंपती परेशान है. दंपती ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगायी है. रोपन ने कहा कि हम बूढ़े लोगों को घर से निकालने के बाद मेरा बेटा रवि मानसिक रोगी हो गया. तब से बहू अनिता देवी जमीन जायदाद पर कब्जा की हुई है.