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गुमला: अनाज गोदाम पर 12 वर्षों से तिवारी का कब्जा, बना लिया घर व कमाई का अड्डा

तिवारी का प्रभाव इतना है कि वर्षों तक कोई डीलर उसके खिलाफ डर से कुछ नहीं बोलता था. परंतु, जब सिर के ऊपर से पानी बहने लगा, तो अब डीलर उसके खिलाफ हो गये और उसका काला चिट्ठा खोलने लगे हैं

गुमला के अनाज गोदाम में 12 वर्षों से तिवारी का कब्जा है. वर्ष 2011 में गुमला के सेवानिवृत्त प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सिद्धनाथ सिंह ने तिवारी को अपने सहयोगी के रूप में गोदाम की देख-रेख के लिए लाये थे. इसके बाद से तिवारी गोदाम को अपना घर व कमाई का अड्डा बना लिया. किस डीलर से कितना अनाज काटना है, यह तिवारी तय करता है.

यहां तक की किस डीलर को भयादोहन करना है, उससे कितना पैसा वसूलना है, पैसों का बंटवारा कैसे होगा. यह वहीं तय करता था. तिवारी का प्रभाव इतना है कि वर्षों तक कोई डीलर उसके खिलाफ डर से कुछ नहीं बोलता था. परंतु, जब सिर के ऊपर से पानी बहने लगा, तो अब डीलर उसके खिलाफ हो गये और उसका काला चिट्ठा खोलने लगे हैं. एक डीलर ने फोन कर बताया कि पहले तिवारी प्रखंड कार्यालय परिसर में बने अनाज गोदाम में बैठता था, जहां से वह डीलरों को अपने निगरानी में अनाज का वितरण करता था.

अब वह कृषि बाजार समिति करौंदी स्थित गोदाम में बैठता है. अभी भी उसका प्रभाव है, परंतु, इसकी जांच कोई नहीं कर रहा है. बता दें कि राशन कालाबाजारी से तिवारी की मोटी कमाई होती है. कुछ चापलूस टाइप के डीलर अक्सर उसके आगे पीछे रहते हैं, क्योंकि मामूली से तिवारी की पहुंच ऊपर के अधिकारियों तक है. इसलिए डीलर अपना लाइसेंस बचाने के लिए उसके हां में हां मिलाते रहते हैं. इधर, डीलर संघ के शिव कुमार राम व गणेश केसरी ने कहा है कि तिवारी जब से गोदाम में है, तब उसे अनाज वितरण की जांच हो.

साथ ही गोदाम में लगाये गये सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से भी तिवारी किस हैसियत से गोदाम में पदाधिकारी के रूप में बैठता है, इसकी भी जांच की जाये. बता दें कि पूर्व बीएसओ सिद्धनाथ सिंह के रिटायरमेंट के बाद तिवारी जितने भी अधिकारी आते गये, उनसे सेटिंग-गेटिंग कर गोदाम पर कब्जा जमाये रहा. डीलरों ने गुमला उपायुक्त से मांग की है कि इसकी निष्पक्ष जांच हो, ताकि अनाज वितरण में हो रही गड़बड़ी पर रोक लग सके. साथ ही डीलरों से जो अनाज आठ से 10 किलो काटा जा रहा है, उस पर भी रोक लगे.

एजीएम शंकर राम ने कहा

गुमला के प्रखंड कृषि पदाधिकारी सह एजीएम गुमला शंकर राम ने कहा है कि आठ फरवरी से मैं सहायक गोदाम प्रबंधक के अतिरिक्त प्रभार में हूं. इससे पहले जनसेवक जाकिर अंसारी थे, जो सेवानिवृत्त हो गये. जाकिर के सेवानिवृत्त के बाद मुझे एजीएम का प्रभार मिला है. जहां तक मेरी जानकारी है कि आनंद तिवारी 2011 से जब सिद्धनाथ सिंह प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सह गोदाम के प्रभारी में थे, तभी से गोदाम की देखरेख आनंद तिवारी कर रहा है.

सिद्धनाथ सिंह के बाद प्रेमकांत सिंह आये, तब भी आनंद तिवारी गोदाम में सक्रिय थे. एसके बाद राजेंद्र रविदास प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी बने. उस समय भी तिवारी गोदाम में बने रहे. वर्ष 2019 के सितंबर माह में आरडीएस एंड सन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के समय में भी तिवारी सक्रिय रहा है. उसके बाद सेवानिवृत्त जाकिर अंसारी आये. उस समय भी तिवारी से काम लिया गया. घूस मैं पैसे लेने की जानकारी मुझे नहीं है.

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