पति की मौत के बाद भैंसुर को सर्टिफिकेट में पति बना कर ली होमगार्ड की नौकरी

झारखंड गृह रक्षा वाहिनी गुमला के समादेष्टा ने चार लोगों पर दर्ज करायी प्राथमिकी

By Prabhat Khabar News Desk | December 26, 2024 9:26 PM

झारखंड गृह रक्षा वाहिनी गुमला के समादेष्टा ने चार लोगों पर दर्ज करायी प्राथमिकी

गुमला. पति की मौत के बाद सरकारी नौकरी के लिए भैंसुर को सर्टिफिकेट में पति बना कर नौकरी हथियाने व अनुकंपा का दो लाख रुपये प्राप्त करने का मामला प्रकाश में आया है. गुमला प्रखंड की कुलाबीरा पंचायत के स्व जवाहर लाल साहू की पत्नी विभा देवी ने विभाग को गुमराह करते हुए फर्जी कागजात बना कर नौकरी के लिए नामांकन प्राप्त कर चुकी थी. इस संबंध में झारखंड गृह रक्षा वाहिनी गुमला के समादेष्टा चंदन कुमार तुरी ने चार लोगों के विरुद्ध गुमला थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें मुख्य आरोपी विभा देवी व उसकी पुत्री अलका कुमारी समेत दो नाबालिगों को आरोपी बनाया गया है. प्राथमिकी के अनुसार 1989 में कुलाबीरा निवासी राजकुमार साहू का गृहरक्षक जवान की नौकरी में चयन हुआ था. इसके बाद उक्त नौकरी को उसके छोटे भाई जवाहर लाल साहू ने फर्जी तरीके से खुद ले लिया. उस समय जवाहर लाल साहू ने फर्जी दस्तावेज बना कर खुद को राज कुमार साहू बता कर लगातार नौकरी कर रहा था. वर्ष 2019 में जवाहर की मौत होने के बाद उसकी पत्नी विभा देवी नौकरी के लिए अपने पति के नाम के स्थान में राज कुमार साहू जोड़ कर अनुकंपा का दो लाख रुपये प्राप्त कर लिया. वहीं गृहरक्षक की नौकरी के लिए नवनामांकित हासिल करने के सफल हो गयी. इधर, विभा देवी को दो लाख रुपये मिलने पर राज कुमार ने कुछ रुपये मांगा, जिस पर विवाद बढ़ गया और यह मामला सामने आया. इधर, विवाद इतना बढ़ गया कि राजकुमार साहू ने इस संबंध में विभाग को आवेदन देकर मामले को सामने लाया. इसके बाद जांच के बाद जिला समादेष्टा ने चार लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी.

तीस सालों तक जवाहर ने विभाग को अंधेरे में रख कर नौकरी की:

जवाहर लाल साहू (वर्तमान में स्वर्गीय) ने 30 सालों तक विभाग की आंखों में धूल झोंक कर नौकरी करते आ रहा था. वर्ष 2019 में भरनो में ड्यूटी के दौरान तबीयत खराब होने के बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. इस बीच बीते 30 सालों से वे अपने बड़े भाई की नौकरी खुद को राज कुमार बता कर कर रहा था. इधर, 2019 में जवाहर की मौत होने पर उसकी पत्नी भी उसी रास्ते पर चल कर अपने भैंसुर के नाम का इस्तेमाल कर खुद नौकरी लेने में कामयाब हो गयी थी. पर एन वक्त में विभाग को मामले की जानकारी होने पर मामले की जांच के बाद घटनाक्रम का उजागर हुआ.

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