इलाज कराने में असमर्थ हैं गुमला के झारखंड आंदोलनकारी पोगो उरांव, पेड़ के नीचे खटिया लगाकर पड़े हैं कई दिनों से

पोगो की बेटी सुषमा उराइन ने बताया कि दुर्घटना के बाद पोगो को सदर अस्पताल गुमला में भर्ती कराया गया था. जहां से बढ़ते कोरोना संक्रमण का हवाला देकर 15 अप्रैल को छुट्टी दे दी गयी. जिसके बाद उसकी बेटी सुषमा उराइन उसे अपने पास ले आयी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 22, 2021 1:30 PM

Jharkhand News, Gumla News गुमला : सिसई प्रखंड के पिलखी डांड़टोली निवासी झारखंड आंदोलनकारी पोगो उरांव (65) सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद अपना इलाज कोरोना वायरस व आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण नहीं करा पा रहे हैं. घर के समीप पेड़ के नीचे खटिया लगा कर वे कई दिनों से पड़े हुए हैं.

पोगो की बेटी सुषमा उराइन ने बताया कि दुर्घटना के बाद पोगो को सदर अस्पताल गुमला में भर्ती कराया गया था. जहां से बढ़ते कोरोना संक्रमण का हवाला देकर 15 अप्रैल को छुट्टी दे दी गयी. जिसके बाद उसकी बेटी सुषमा उराइन उसे अपने पास ले आयी.

सुषमा की भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उसके पास रहने के लिए अपना घर नहीं होने के कारण अपने पिता को एक तंबू में रख कर उसकी देखभाल के साथ खुद मरहम पट्टी कर रही है. रुपये जुगाड़ कर घर बनाने लिए सुषमा का पति दीपक उरांव एक साल पहले मजदूरी करने मलेशिया गया है. पति के भेजे रुपयों से घर बन रहा था. किंतु पिता के इलाज में रुपये खर्च होने के कारण मकान भी अधूरा है.

पोगो के इलाज में अभी तक 60 हजार रुपये से अधिक खर्च हो चुका है. रुपयों की जुगाड़ के लिए सुषमा ने 29 हजार में अपना बैल भी बेच चुकी है. फिर भी पोगो की हालत जस की तस बनी हुई है. सुषमा ने बताया कि पोगो उरांव का कंधा से लेकर बायां हाथ पूरी तरह से कुचल गया है. बायां पैर के जांघ की हड्डी नौ से 10 इंच चूर हो गयी है. बिस्तर से उठ नहीं पाते हैं. पेशाब के लिए पाइप लगा हुआ है.

बिस्तर में ही मलमूत्र करते हैं. पिता की देखभाल व इलाज में घर की माली हालत खराब हो गयी है. पोगो उरांव व सुषमा का परिवार थोड़ी बहुत कृषि व मजदूरी से चलता है. दोनों का राशन कार्ड नहीं है. दुर्घटना के बाद इलाज के लिए 10 हजार रुपये देकर वाहन मालिक समझौता करना चाहता था. जिसे लेने से इंकार कर वाहन पर केस दर्ज कराया गया है. केस दर्ज कर पुलिस ने वाहन जब्त कर लिया है. परंतु पोगो के इलाज की व्यवस्था प्रशासन नहीं कर रहा है.

Posted By : Sameer Oraon

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