बिन ब्याही मां ने नवजात को नाली में फेंका, गोद लेने आये आ गये 15 लोग

एक अभागी अब्याही मां ने अपने नवजात शिशु को नाली में फेंक दिया. उसे न केवल पड़ोसियों ने समय रहते बचा लिया, बल्कि 15 लोग उसे गोद लेने के लिए तैयार हो गये हैं. मामला झारखंड के गुमला जिला का है. जिस नवजात को नाले में फेंका गया, उसकी नाभि भी नहीं कटी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2020 10:44 PM

गुमला (दुर्जय पासवान) : एक अभागी अब्याही मां ने अपने नवजात शिशु को नाली में फेंक दिया. उसे न केवल पड़ोसियों ने समय रहते बचा लिया, बल्कि 15 लोग उसे गोद लेने के लिए तैयार हो गये हैं. मामला झारखंड के गुमला जिला का है. जिस नवजात को नाले में फेंका गया, उसकी नाभि भी नहीं कटी थी.

बच्चे की रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी नाले के पास पहुंचे और मासूम को जीवनदान दिया. अभी नवजात सुरक्षित है. सदर अस्पताल में इलाज के बाद सीडब्ल्यूसी ने नवजात को अपने संरक्षण में ले लिया है. शिशु को अभी मिशनरीज ऑफ चैरिटी शांति नगर में रखा गया है.

सीडब्ल्यूसी के सदस्य संजय भगत व सुषमा देवी ने कहा कि गुमला सदर अस्पताल में इलाज के बाद शिशु की स्थिति ठीक है. अभी चैरिटी में ही उसका लालन-पालन होगा. 90 दिनों तक उसे यहीं रखा जायेगा. इस दौरान अगर उसके माता-पिता आकर बच्चे को अपनाना चाहते हैं, तो कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे ले जा सकेंगे.

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उन्होंने कहा कि अगर बच्चे के असली माता-पिता नहीं आते हैं, तो नवजात को दत्तक केंद्र में रखा जायेगा. यहां से नियम के तहत कोई भी परिवार बच्चे को गोद ले सकता है.

दुंदुरिया बस डिपो के पीछे फेंका था

गुमला शहर के दुंदुरिया बस डिपो के पीछे नाली में नवजात को फेंक दिया गया था. मंगलवार की रात करीब 10 बज रहे थे. तभी एक नवजात की रोने की आवाज सुनायी दी. पड़ोसी बाहर निकले. उस समय अंधेरा था. लोग नवजात की आवाज सुनकर उस दिशा में गये. देखा कि खेत में कीचड़ व पानी जमा था. नाला बह रहा था. नाले में पानी भरा था. वहीं एक नवजात रो रहा था.

बिन ब्याही मां ने नवजात को नाली में फेंका, गोद लेने आये आ गये 15 लोग 2

पड़ोसी महिलाओं ने तुरंत नवजात को नाली से निकाला. एक कपड़े में लपेटा. देखा कि उसकी नाभि भी नहीं कटी थी. तत्काल उसकी नाभि काटी गयी. गुमला सदर थाना की पुलिस को सूचना दी गयी. पुलिस पहुंची. काफी प्रयास के बाद भी रात में नवजात के माता-पिता का पता नहीं चला. इसके बाद पुलिस की मदद से मुहल्ले के लोगों ने नवजात को गुमला सदर अस्पताल में भर्ती कराया.

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सदर अस्पताल में डॉक्टर ने शिशु की जांच की. बच्चा बिल्कुल स्वस्थ था. गुमला पुलिस नवजात के फेंके जाने की जांच कर रही है. समाचार लिखे जाने तक नवजात को फेंकने वालों का पता नहीं चला है. हालांकि पुलिस बस डिपो के पीछे रहने वाले लोगों से संपर्क कर पता करने में जुटी हुई है, ताकि बच्चे के असली माता-पिता का पता चल जाये.

बिना ब्याही मां की करतूत

सीडब्ल्यूसी के अनुसार, जिस जगह व जिस स्थिति में नवजात को फेंका गया है, इससे पता चलता है कि नवजात को फेंकने वाली युवती बिन ब्याही मां है. उसने लोक-लाज के डर से अपने बच्चे को नाले में फेंका है. इसका उद्देश्य यही रहा होगा कि रात भर में बच्चे की मौत हो जायेगी और वह लोकलाज से बच जायेगी.

15 परिवार गोद लेने के लिए पहुंचे

सीडब्ल्यूसी के सदस्य संजय भगत ने कहा कि जैसे ही लोगों को पता चला कि किसी युवती ने अपने नवजात बच्चे को जन्म के बाद फेंक दिया है, गुमला सदर अस्पताल के समीप 15 से 16 लोग पहुंच गये. ये लोग नवजात को गोद लेना चाह रहे थे. सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में आने के बाद कागजी कार्रवाई व नियम के तहत ही नवजात को गोद ले सकते हैं.

Posted By : Mithilesh Jha

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