गुमला में भोजन नहीं मिलने पर मजदूरों का हंगामा, आपस में भिड़े सीओ और अधिवक्ता

अनजान शहर पहुंचे. भूख से बेहाल थे. भोजन के लिए कोई पूछ नहीं रहा था. गर्भवती महिला दर्द से परेशान थी. चोट लगने से घायल हजारीबाग निवासी त्रिशूल पंडित इलाज के लिए छटपटा रहे थे. अशोक पंडित भूख के कारण चक्कर खाकर गिर गया था. इन्हीं समस्याओं को लेकर मजदूरों ने शुक्रवार को दिन के 9.30 से 11.30 बजे तक हंगामा किया. क्या है पूरा मामला, पढ़िए, गुमला से प्रभात खबर के ब्यूरो दुर्जय पासवान की रिपोर्ट...

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2020 10:54 PM

गुमला : अनजान शहर पहुंचे. भूख से बेहाल थे. भोजन के लिए कोई पूछ नहीं रहा था. गर्भवती महिला दर्द से परेशान थी. चोट लगने से घायल हजारीबाग निवासी त्रिशूल पंडित इलाज के लिए छटपटा रहे थे. अशोक पंडित भूख के कारण चक्कर खाकर गिर गया था. इन्हीं समस्याओं को लेकर मजदूरों ने शुक्रवार को दिन के 9.30 से 11.30 बजे तक हंगामा किया. क्या है पूरा मामला, पढ़िए, गुमला से प्रभात खबर के ब्यूरो दुर्जय पासवान की रिपोर्ट…

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सभी मजदूरों को प्रशासन ने गुमला शहर के परमवीर अलबर्ट स्टेडियम में बैठने की व्यवस्था की थी. इसमें मुंबई, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के मजदूर थे. बस के माध्यम से ये मजदूर गुमला पहुंचे थे. इसके बाद प्रशासन ने सभी मजदूरों के स्टेडियम में आराम करने की व्यवस्था की. मजदूरों ने कहा कि हम नौ बजे गुमला पहुंच गये. परंतु यहां किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं दी गयी. कम से कम उतनी दूर से आये हैं तो कुछ खाने पीने की व्यवस्था होनी चाहिए. स्टेडियम में एक ही जगह पर सभी को बैठा दिया गया था.

बस में गुमला के एक अधिवक्ता की बेटी भी गुमला आयी थी. जब अधिवक्ता अपनी बेटी को लेने स्टेडियम पहुंचे तो वहां की व्यवस्था को देखकर इसकी जानकारी प्रशासन को दी. अधिवक्ता ने कहा कि प्रशासन को सूचना देने के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हुआ. मजदूरों के साथ अधिवक्ता के हंगामे की जानकारी पर गुमला सीओ केके मुंडू पहुंचे.

इस दौरान खाने-पीने, इलाज और जांच की व्यवस्था को लेकर अधिवक्ता व सीओ आपस में उलझ गये. बाद में सीओ की पहल पर भोजन के पैकेट की व्यवस्था की गयी. 165 प्रवासी मजदूरों के बीच भोजन का वितरण किया गया. वहीं, सभी के इलाज और जांच की व्यवस्था की गयी. स्टेडियम में मेडिकल टीम मंगाकर जांच करायी गयी है. कुछ लोगों को अस्पताल ले जाकर जांच करायी गयी.

अव्यवस्था : संक्रमण फैलने का डर

गुमला में जो मजदूर आ रहे हैं. उन्हें एक ही स्थान पर बैठाया जा रहा है. शुक्रवार को मुंबई, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना के मजदूरों को एक ही स्थान पर बैठाया गया था. इसमें से कई मजदूर रेड जोन से आये हैं. ऐसे में अगर एक भी मजदूर संक्रमित होता है तो उस भीड़ में बैठे सभी लोग संक्रमित हो सकते हैं. परंतु प्रशासन इन सब बातों पर ध्यान नहीं दे रहा है.

दूसरे जिले नहीं भेज रहे बस

गुमला में दूसरे जिले के कई मजदूर फंसे हुए हैं. गुमला प्रशासन द्वारा दूसरे जिले के डीटीओ से संपर्क कर बस भेजने की मांग की गयी है. ताकि मजदूरों को उनके जिले में भेजा जा सका. परंतु दूसरे जिले के डीटीओ बस भेजने में आनाकानी कर रहे हैं. जिस कारण गुमला में आकर फंसे मजदूर परेशान हैं. सीओ ने कहा कि लोहरदगा के अलावा दूसरे जिले के डीटीओ से बस भेजने की मांग की गयी है. जैसे ही बस आती है. गुमला में फंसे मजदूरों को उनके जिले भेज दिया जायेगा. सीओ ने यह भी बताया कि शुक्रवार को गुमला पहुंचे प्रवासी मजदूरों को हजारीबाग, कोडरमा, चतरा व अन्य जिलों में भेजने के लिए वरीय अधिकारियों के दिशा निर्देश के आधार पर भेजा जायेगा.

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