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झारखंड : इंटर की पढ़ाई शुरू नहीं होने से गुमला के केओ कॉलेज में छात्रों का हंगामा, प्रशासक से नोंक-झोंक

गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई चालू करने की मांग को लेकर छात्रों ने आंदोलन किया. कॉलेज प्रशासक के कार्यालय का घेराव करते करते हुए छात्रों ने जमकर नारेबाजी की. वहीं, छात्र नेताओं ने गुमला डीसी व डीईओ से मामले में संज्ञान लेने की अपील की.

गुमला, दुर्जय पासवान : गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में इंटर की पढ़ाई अबतक चालू नहीं हुई है. इससे आक्रोशत छात्रों ने सोमवार को कॉलेज में तालाबंदी करने पहुंचे, लेकिन कॉलेज में हो रही परीक्षा को देखते हुए तालाबंदी के निर्णय को वापस लिया गया. पर, छात्रों ने इंटर की पढ़ाई चालू करने की मांग को लेकर जमकर बवाल काटा. कॉलेज प्रशासक के कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान आंदोलनकारी छात्रों के साथ प्रशासक की नोंक-झोंक भी हुई. काफी हो-हंगामा के बाद छात्र नेताओं ने गुमला डीसी व डीईओ से मामले में संज्ञान लेने की अपील की. जिससे हजारों छात्रों का भविष्य संवर सके.

कॉलेज प्रशासन पर मनमानी का लगाया आरोप

पूर्व छात्र नेता देवेंद्र लाल उरांव ने बताया कि कॉलेज प्रशासन की मनमानी के चलते इंटर की पढ़ाई बंद हुई है. यूजीसी का हवाला देना एक बहाना था और फंड की कमी का होना फंड का बंदरबांट था. कार्तिक उरांव प्रबंधन कॉलेज को चलाने में सक्षम नहीं है. इसलिए यहां इंटर की पढ़ाई को ठप कर दिया गया है. वहीं, छात्र नेता अनिल साहू ने कहा कि प्रशासन की निरंकुशता को तोड़ा जायेगा. हमारे गरीब छात्र निजी इंटर कॉलेजों में नहीं पढ़ सकते हैं. वहां 15-20 हजार रुपये सालाना खर्च है और सारे स्थानों पर सीट भर चुकी है. छात्र नामांकन के लिए यहां-वहां चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद महाविद्यालय प्रशासन के अपने घमंड में चूर है.

गरीब आदिवासी बच्चों को पढ़ने से रोक रहा प्रशासन : रामावतार

पूर्व छात्र नेता रामावतार भगत ने कहा कि हमारा क्षेत्र आदिवासी व जनजाति बहुल है. इसी महाविद्यालय में उरांव, खड़िया, नागपुरी भाषा की पढ़ाई होती है. इंटर की पढ़ाई नहीं होने से हमारी भाषा व संस्कृति पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कॉलेज के वर्तमान प्रशासन व वर्तमान जिला प्रशासन नहीं चाहता है कि गुमला के आदिवासी व जनजाति बच्चे पढ़ लिखकर आगे बढ़े. इसलिए अबतक इंटर की पढ़ाई के लि नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी हे.

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एडमिशन के लिए भटक रहे गरीब बच्चे

उन्होंने कहा कि पूंजीपति व धनी संपन्न के बच्चे दूसरे जिला व राज्य में जाकर पढ़ते हैं. कुछ बच्चे गुमला के निजी कॉलेजों में पढ़ते हैं. ऐसे में सेटिंग-गेटिंग कर जिले के सभी निजी कॉलेजों में नामांकन हो गया है. सीट खाली नहीं है. गांव-घर के जो गरीब बच्चे हैं. वे अब नामांकन के लिए भटक रहे हैं. विकास का ढोंग रचने वाले अधिकारी गरीब बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दें और गुमला में रहते हुए कुछ पुण्य कमा कर जाये. मौके पर सुबोध उरांव, रोहित सिंह, दीपक साहू, वैद्यनाथ मिश्रा, रोहित यादव, संजय उरांव, प्रकाश प्रसाद, अजय उरांव, पार्थ उरांव, विक्रम सिंह, वैधनाथ सिंह समेत अन्य छात्र मौजूद थे.

छात्रों ने रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति का किया था घेराव

बता दें कि इससे पहले 17 जुलाई, 2023 को रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा के कार्तिक उरांव कॉलेज आने पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था. कुलपति कॉलेज कैंपस में बहुउद्देशीय भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान छात्रों ने कुलपति समेत रजिस्ट्रार और सीसीडीसी को घंटों घेरे रखा था.

इंटर की पढ़ाई जारी रखने की अपील

विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कुलपति से गुमला के कॉलेज में इंटर की पढ़ाई जारी रखने की अपील की थी. छात्रों को कहना था कि गरीब बच्चे प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ने में असमर्थ हैं. ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासक से पहल करने की अपील की. छात्रों की मांग पर कुलपति ने इंटर की पढ़ाई जारी रखने की बात कही. वहीं, कहा कि गुमला कॉलेज प्रशासन को इस पर पहल करनी चाहिए.

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