झारखंड: 74वें वन महोत्सव में विधायक भूषण तिर्की ने प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन पर जतायी चिंता, दिए ये सुझाव
उपायुक्त सुशांत गौरव ने विद्यार्थियों से कहा कि आज हम सबों को पेड़ की छांव के नीचे होना चाहिए, परंतु हम सभी खुले आसमान के नीचे हैं. ऐसे समय में हम सबों में पेड़ की महत्ता समझने की आवश्यकता बढ़ जाती है.
गुमला, जगरनाथ पासवान: वन प्रमंडल गुमला के तत्वावधान में गुरुवार को जिला स्कूल मैदान में 74वां वन महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि गुमला के विधायक भूषण तिर्की एवं विशिष्ट अतिथि वन संरक्षक प्रादेशिक अंचल गुमला थंगा पांडयन व उपायुक्त गुमला सुशांत गौरव समेत अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया. मौके पर मुख्य अतिथि विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि हमारे झारखंड में जंगल और झाड़ इतने हैं कि इसे देखते हुए राज्य का नाम झारखंड रख दिया गया. ये हमारी पहचान हैं. हमारे झारखंड राज्य की अलग संस्कृति है. यहां पेड़-पौधे, धरती और सूरज-चांद की पूजा की जाती है, परंतु हमारे समक्ष प्रदूषण और जलवायु परिवर्त्तन के रूप में एक बड़ी समस्या है. यह समस्या पेड़ों के अंधाधुंध कटाई के कारण उत्पन्न हुई है. विकास की दौड़ में जंगल के जंगल काटकर हटा दिये गये. इसके परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्त्तन हो रहा है और इसका खामियाजा हर एक इंसान से लेकर पशु और पक्षियों तक को भुगतना पड़ रहा है.
प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन है चुनौती
गुमला के विधायक भूषण तिर्की ने वन महोत्सव में शामिल विद्यार्थियों से कहा कि आप अभी बच्चे हैं. स्कूल में पढ़ रहे हैं. जिसमें आपको पेड़ों की महत्ता के बारे में पढ़ाया जाता है. आप सिर्फ पढ़ें नहीं, बल्कि उसे अपने जीवन में भी उतारें. यदि हर एक इंसान एक-एक पेड़ लगाता है तो प्रदूषण और जलवायु परिवर्त्तन जैसी समस्या से निजात मिल सकता है. विधायक ने वन विभाग के कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी कभी हिम्मत नहीं करते कि वे जंगलों की ओर जायें, परंतु वन विभाग की टीम दिन हो या रात जंगल जाती है और पूरी ईमानदारी से अपना काम करती है.
पौधरोपण का लें संकल्प
विशिष्ट अतिथि वन संरक्षक प्रादेशिक अंचल गुमला थंगा पांडयन ने कहा कि किसी देश में शुद्ध पानी की समस्या है तो कोई देश प्रदूषण की समस्या झेल रहा है. यह समस्या पेड़ों की कमी के कारण हो रही है. ऐसे देश अन्य देशों के लिए एक सबक है. यदि पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में ठोस रूप से काम नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में अन्य देश भी उस समस्या से जुझेंगे. आज दिन का संकल्प ले वृक्षारोपण कर उसके बड़े होने तक उसका संरक्षण करेंगे. कार्यक्रम को उपविकास आयुक्त हेमंत सती, जिप अध्यक्ष किरण माला बाड़ा एवं उपाध्यक्ष संयुक्ता देवी ने भी संबोधित किया.
पेड़ हमारी संस्कृति है, इनकी रक्षा जरूरी
उपायुक्त सुशांत गौरव ने विद्यार्थियों से कहा कि आज हम सबों को पेड़ की छांव के नीचे होना चाहिए, परंतु हम सभी खुले आसमान के नीचे हैं. ऐसे समय में हम सबों में पेड़ की महत्ता समझने की आवश्यकता बढ़ जाती है. पेड़ हमारी संस्कृति है, जो हमें हमारी सादगी की याद दिलाता है. पेड़ हमारी जरूरत है. इसके बावजूद भी कुछ स्वार्थी लोग महज चंद रुपयों के कारण पेड़ को काटकर बेच देते हैं, जबकि पेड़ नि:स्वार्थ भाव से अपना सबकुछ देते है. लोगों को इस बात को समझने की जरूरत है कि पेड़ है, तो जीवन है.
जीवन और धरती के लिए वन महत्वपूर्ण हैं
पुलिस अधीक्षक गुमला डॉक्टर एहतेशाम वकारीब ने कहा कि जीवन और धरती के लिए वन महत्वपूर्ण है. हालांकि इस बात को बच्चों को स्कूल से ही सिखाया जाता है, परंतु इसे सिर्फ सीखने की नहीं, बल्कि अपने जीवन में उतारने की भी जरूरत है. उन्होंने अपील की कि हर किसी विशेष अवसर पर एक वृक्षारोपण करें. पेड़ों की कमी के कारण अभी हर मौसम एक माह आगे बढ़ गया है. यह सब पेड़ों की कमी की वजह से जलवायु परिवर्त्तन के कारण हो रहा है.
पेड़ों के संरक्षण के लिए गंभीर होना होगा
वन प्रमंडल पदाधिकारी गुमला अहमद बेलाल अनवर ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि पेड़ और जंगल महत्वपूर्ण हैं, परंतु इसके संरक्षण के प्रति लोगों में गंभीरता कम है. पेड़ और जंगलों के संरक्षण के लिए यदि आज हम एक छोटा कदम उठाते हैं तो आने वाले समय में यही एक बड़ा कदम बनेगा और पेड़ों की कमी के कारण प्रदूषण और जलवायु परिवर्त्तन जैसी समस्या से निजात मिलेगा. इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण को हो रही क्षति के बारे में भी जानकारी दी और कपड़ा का थैला उपयोग करने के लिए प्रेरित किया.