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हाथी के डर से रतजगा करने को मजबूर हैं गुमला के तीन प्रखंड के ग्रामीण, सुरक्षा और मुआवजा की कर रहे मांग

जंगली हाथियों से परेशान गुमला के जारी, डुमरी और चैनपुर प्रखंड के सैकड़ों ग्रामीण प्रशासन और वन विभाग से सुरक्षा और मुआवजा की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है पिछले तीन साल से हाथियों के उत्पात से परेशान हैं. इसके बावजूद कोई सुध नहीं ले रहा है.

By Samir Ranjan | October 28, 2022 8:38 PM

Jharkhand News: गुमला जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर चैनपुर प्रखंड मुख्यालय के बरवे स्कूल मैदान में चैनपुर, डुमरी एवं जारी प्रखंड के सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हुए. ये लोग जंगली हाथियों से परेशान हैं. हाथी के डर से रतजगा कर रहे हैं. हाथियों के कारण ये लोग तीन साल से परेशान हैं. दूसरी तरफ, वन विभाग इनकी सुरक्षा और  मुआवजा देने की कोई पहल नहीं कर रहा है. इसलिए ग्रामीण अब आंदोलन के मूड में हैं. ग्रामीणों ने जंगली हाथी को क्षेत्र से खदेड़ने एवं जंगली हाथियों द्वारा किये गये नुकसान, तैयार हो रहे फसलों की बर्बादी की भरपाई की मांग वन विभाग से की है.

हाथियों द्वारा फसलों को नष्ट करने से परेशान हैं ग्रामीण

ग्रामीण जयकप टोप्पो, मनोहर बेक, दिलीप खलखो, तेलेस्फोर टोप्पो, अनुप तिग्गा, दानियाल कुजूर, दीपिका बड़ा ने संयुक्त रूप से कहा कि जंगली हाथी पिछले कई वर्षों से जारी प्रखंड के श्रीनगर, सिकरी, बितरी, चैनपुर प्रखंड के बुकमा, छतरपुर, बम्हनी, टोंगो सहित डुमरी प्रखंड के विभिन्न गांव में उत्पात मचाते हुए गरीब किसानों के फसलों को नष्ट कर देते हैं. कई किसानों के घरों को भी ध्वस्त कर बर्बाद कर रहे हैं. उसके बावजूद वन विभाग हमारी मजबूरी को नजर अंदाज करते हुए सिर्फ नुकसान का मुआयना करने का काम कर रही है. वन विभाग जंगली हाथी को खदेड़ने के लिए हाथी पीड़ित गांव में न तो पटाखा का वितरण करती है और न ही मशाल बनाने के लिए सामग्री की व्यवस्था करती है.

एक्शन में नहीं दिखता वन विभाग

ग्रामीण अपने खर्च से पटाखा एवं मशाल की व्यवस्था कर जंगली हाथियों को गांव में घुसने से रोकते हैं. लापरवाह वन विभाग को हम ग्रामीणों के जानमाल की तनिक भी चिंता नहीं है. अगर गरीब किसानों की चिंता होती, तो इतने दिनों तक जंगली हाथी को हमारे क्षेत्र से खदेड़ने का काम करते. जारी प्रखंड के श्रीनगर गांव में प्रत्येक वर्ष जंगली हाथी कई एकड़ में लगे धान, मकई सहित कई तरह के फसलों को रौंद कर बर्बाद करती है. घरों को ध्वस्त कर बरबाद कर देती है. इसके बाद भी किसानों को कई वर्षों तक मुआवजा नहीं मिलता है. जिससे आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ता है. ग्रामीणों ने जंगली हाथी को क्षेत्र से खदेड़ने की मांग की है. अन्यथा चैनपुर, डुमरी व जारी के ग्रामीण चैनपुर गुमला मुख्य मार्ग को जाम करने को बाध्य होंगे.

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किसानों में आक्रोश

गुमला जिला स्थित जारी प्रखंड के विभिन्न गांवों के गरीब किसान तीन साल से जंगली हाथी के आंतक से परेशान एवं मुआवजा नहीं मिलने से आक्रोशित हैं. शुक्रवार को जिला परिषद के सदस्य दिलीप बड़ाइक के नेतृत्व में बरवे उच्च विद्यालय, चैनपुर में बैठक किया. इस दौरान ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल एसडीओ कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा गया. एसडीओ के नही रहने पर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट सुशील खाखा को ज्ञापन सौंपा.

क्या है ज्ञापन में

ज्ञापन में कहा गया है कि जारी प्रखंड में तीन वर्षों से जंगली हाथी परेशान कर रहा है. क्षेत्र के श्रीनगर, चटकपुर, रेंगारी, सीसी करमटोली, टोंगो, जरमाना, जारी, बितरी, बुमतेल, कोड़ी व जारी के गांव में किसी के घर को ध्वस्त कर देता है, तो किसी का गाय-बैल को मार देता है. घर में रखे अनाज को खा जाता है. खेत में लगे फसल को बर्बाद कर देता है. रौंद देता है. लगातार तीन वर्षों से यही स्थिति हो रही है. इसी कारण क्षेत्र के किसान बहुत परेशान है. मुआवजा के लिए वन विभाग को आवेदन दिया गया. लेकिन, आज तक वन विभाग की लापरवाही से पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. इस कारण किसानों में आक्रोश व्याप्त है. जिप सदस्य दिलीप बड़ाइक ने कहा कि अगर ज्ञापन सौंपने के बावजूद वन विभाग द्वारा अविलंब पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं देती है और जंगली हाथी को नहीं भगाया गया. तो मजबूरन सड़क पर उतर कर रोड जाम करना पड़ेगा. उसका पूरा जिम्मेवारी वन विभाग की होगी. मौके पर अमर साय, अमरूस एक्का, तेलेस्फोर बेक, विनय प्रताप शाहदेव सहित प्रखंड के विभिन्न गांवों के सैकड़ो ग्रामीण मौजूद थे.

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.

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