ग्रामीणों ने लगाये रोड नहीं, तो वोट नहीं के नारे
सड़क की समस्या को लेकर विमरला व दीरगांव पंचायत के लोगों ने की बैठक
घाघरा
. घाघरा प्रखंड की विमरला व दीरगांव पंचायत के कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने रोड की समस्या को लेकर सोमवार को सरइडीह गांव में बैठक की. इसमें दीरगांव पंचायत के तुसगांव, सलामी, हेदमी, काड़ा सिल्ली, केदली, सरइडीह तेंदार व बिमरला पंचायत के गुटवा, जोकारी, बियार बरटोली, हुसीर, जमगाई के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए. बैठक में ग्रामीणों ने रोड नहीं, तो वोट नहीं के नारे लगाये. साथ ही रोड नहीं बनने आगामी चुनाव में वोट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. ग्रामीण बीरबल भगत ने कहा कि सरइडीह गांव में सबसे बड़ी समस्या सड़क है. हमारे गांव की प्रखंड मुख्यालय से दूरी लगभग 30 किमी है. लेकिन इस ओर न तो सांसद, विधायक और न ही जिला प्रशासन ध्यान दे रही है. आजादी के इतने वर्ष बीतने के बाद भी गांव में सड़क नहीं है. सड़क के अभाव में सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिला व बीमार लोगों को होती है. सड़क की खराब स्थिति के कारण गर्भवती महिलाओं व बीमार लोगों को इलाज के लिए प्रखंड मुख्यालय ले जाने में परेशानी होती है. रोड में बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे चार चक्का वाहनों का चलाना काफी मुश्किल है. इस समस्या से सांसद व विधायक से लेकर प्रशासन तक को अवगत कराया गया है, परंतु अभी तक किसी द्वारा गांव की सड़क को बनाने की रुचि नहीं ली गयी है. नतीजा गांव के लोग आज तक परेशानी झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ वोट देने के लिए ही हमारा उपयोग किया जाता है. मौके पर कृपा मुंडा, लाला उरांव, राधेश्याम साहू, अरुण साहू, सतन दास, करम दयाल अहीर, उजीन कुजूर, प्रकार टोप्पो, जयंती कुजूर, झंडिया उरांव, सावन उरांव, मंजीर महतो, भैयाराम उरांव, अशोक उरांव, मनमोहन उरांव आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है