दुर्जय पासवान
गुमला : सिसई प्रखंड की जनता सात दिसंबर-2019 व सात अप्रैल-2020 को याद रखेंगे. वो इसलिए क्यों कि सात दिसंबर को बघनी गांव में सुबह के वक्त हिंसा हुई थी. वहीं सात अप्रैल को सिसई बस्ती में रात के वक्त विवाद हुआ. ये दोनों तिथि इस क्षेत्र में हिंसा फैलाने व तनाव पैदा करने वाली घटना से याद किया जाएगा. सात दिसंबर को विधानसभा चुनाव के दौरान बघनी गांव के बूथ में हिंसा हुई थी.
जिसमें एक युवक की जान चली गयी थी. जबकि कुछ लोग घायल हुए थे. यहां पुलिस भी घायल हुई थी. वहीं सात अप्रैल की घटना में दो सामुदाय के लोग आपस में भिड़े. जिसमें एक की मौत और पांच घायल हुए. इन दोनों घटनाओं ने राज्य को हिला दिया. राज्य सरकार का भी ध्यान सिसई की ओर केंद्रित कर दिया है. अब अगर हम सात अप्रैल के घटना की बात करें तो सिसई में मंगलवार की रात को तनाव व संप्रदायिक माहौल को बिगड़ते देखा गया. लेकिन ठीक इसके उलट बुधवार की सुबह माहौल शांत नजर आया.
कोरोना वायरस फैलने की अफवाह बसिया प्रखंड से उड़ी और यह आग सिसई तक पहुंच गयी. जिसका असर यह हुआ कि यहां दो समुदाय एक दूसरे को मारने तक में उतर आएं. जिसका नतीजा यह निकला कि एक किसान को अपनी जान गंवानी पड़ी. जबकि दो लोग रांची में इलाज करा रहे हैं. इस घटना के बाद सिसई के सभी लोग अपने-अपने घरों में दुबक गए. प्रशासन ने पूरे इलाके को सील करते हुए फोर्स की तैनाती कर दी है. हर जगह पुलिस के जवान तैनात हैं. मुख्य मार्ग से लेकर गली मुहल्लों से गुजरने वाले हर व्यक्ति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. सिसई में घुसने वाले हर एक व्यक्ति को पुलिस की जांच से गुजरनी पड़ रही है.
आईजी नवीन कुमार सिंह ने कहा है कि कुछ लोगों ने अफवाह फैलायी थी जिसका नतीजा निकला कि मानसिक रूप से विक्षिप्त एक युवक को कुछ लोगों ने पिटाई कर दी थी. जिससे वह घायल हो गया. पुलिस उसे अस्पताल में भर्ती करायी है. इसके बाद पुन: सिसई बस्ती में दो गुट आपस में भिड़ गए. जिसमें एक की मौत हो गयी है जबकि चार लोगों को चोट लगी है. जिसमें एक को रांची रेफर किया गया है. रांची में भर्ती घायलों को पुलिस की देखरेख में इलाज कराया जा रहा है. आईजी ने कहा कि इस घटना को लेकर जांच टीम का गठन किया गया है. जिसमें 12 लोग अभी पुलिस के गिरफ्त में है. जांच में और भी नाम आ रहे हैं तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा. आईजी ने कहा कि अगर कोई अफवाह फैलाता है तो पुलिस को इसकी सूचना दें. अफवाह फैलाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा. बसिया के दो युवकों को अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. लोगों से अपील है. कोई अफवाह न फैलाये. अगर कोई ऐसा कर रहा है तो इसकी सूचना पुलिस को दें.
गुमला एसपी अंजनी कुमार झा ने कहा कि अफवाह के कारण कुदरा मोड़ में पहले एक युवक को पीटा गया. इसके बाद सिसई बस्ती में भी अफवाह को लेकर ही मारपीट हुई थी. जिसमें एक की मौत हो गयी है. इस घटना के बाद सिसई में अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात किया गया है और मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गयी है. पुलिस अलर्ट है. लोगों से अपील है कि लॉक डाउन का पालन करें. बुधवार को पुलिस प्रशासन ने कहीं भी कोई दुकान बंद नहीं करायी है. बस लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है. फिलहाल सिसई का माहौल शांतिपूर्ण है. पुलिस हर गतिविधि पर नजर रखी हुई है.
गुमला डीसी शशि रंजन ने कहा है कि सिसई घटना को लेकर बुधवार को गुमला जिले के सभी 12 प्रखंडों में पूर्ण तालाबंदी की घोषणा की गयी थी. जिस कारण हर एक दुकान को बंद कराया गया था. गुरुवार से जिले में लॉकडाउन का सख्ती से पालन होगा. उन्होंने कहा कि कृपया अफवाहों पर ध्यान ना दें. आप अपने घरों में ही रहें. यदि आप किसी भी ग्रुप के एडमिन हैं, तो ध्यान दें कोई और उस ग्रुप पर कुछ पोस्ट ना करे. सारे ग्रुप्स की एक्टिव मॉनिटरिंग की जा रही है. सोशल मीडिया में किसी भी तरह का फेक न्यूज, अफवाह यदि ग्रुप पर पाया जाता है तो आप पर भी कार्यवाही हो सकती है. अत: अगले 11 से 12 दिनों तक सिर्फ आप अपने ग्रुप्स पर पोस्ट करें. अनावश्यक पोस्ट करने से बचें. घरों पर अच्छे से हाथों को नियमित धोते रहें. टोटल लॉकडाउन में बाहर निकलना पूरी तरह वर्जित है.
सिसई बस्ती के ग्राम पहान प्रमोद पहान ने कहा कि रात को अचानक गांव में हल्ला होने लगा. मुझे जब इसकी जानकारी हुई तो इसके बाद मैं अपने बेटे के साथ बाहर निकला. तभी प्रशासन पहुंच गयी और मुझे घर के अंदर भेज दिया. पहान ने कहा कि सिसई बस्ती में सभी धर्म व जाति के लोग रहते हैं. यहां सभी भाईचारगी से रहते आए हैं. परंतु अचानक मंगलवार की रात को न जाने किसकी नजर लग गयी कि गांव में तनाव उत्पन्न हो गया था. पहले कभी इस प्रकार गांव में नहीं हुआ है. हम सभी एक साथ रहते आए हैं. कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया है. प्रशासन उन लोगों पर कार्रवाई करें. जो भी आरोपी है वह बचना नहीं चाहिए.
जिला परिषद गुमला की अध्यक्ष किरण माला बड़ा ने रात की घटना के संबंध में कहा कि उसके पास फोन आया कि कुछ लोगों ने गांव पर हमला कर दिया है. मैं तुरंत पहुंची. जिसके बाद घायल पड़े बोलबा उरांव को अस्पताल पहुंचाया गया. परंतु देर रात को उसकी मौत हो गयी. फिर ग्रामीणों ने बताया कि सोमरा उरांव गायब है. मैंने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस की पहल पर घायल सोमरा को खोजा गया और उसे अस्पताल में भर्ती किया गया. रात को जिस प्रकार का माहौल था उससे मैं भी डर गयी थी. लेकिन अब शांत माहौल है. लोगों से अपील है कि किसी प्रकार की अफवाह में न आए और भाईचारा बनाए रखे.