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..आदिम जनजाति गांव कतारीकोना में जल संकट

गर्मी के बढ़ते प्रकोप से प्रखंड के मालम पंचायत के कतारीकोना गांव में आदिम जनजाति समुदाय के लोगों को पेयजल की समस्या हो रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2024 5:51 PM

: जलमीनार गलत स्थान में लगाने के कारण लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया. 18 गुम 2 में इसी चुआं का पानी पीते हैं लोग चैनपुर. गर्मी के बढ़ते प्रकोप से प्रखंड के मालम पंचायत के कतारीकोना गांव में आदिम जनजाति समुदाय के लोगों को पेयजल की समस्या हो रही है. गांव में 28 घरों में 180 लोगों की आबादी है. उक्त ग्रामीण पीने के पानी के लिए खेत में खोद कर बनाये गये चुआं का पानी का उपयोग करते हैं. गांव में दो कुआं है. मगर दोनों कुआं सूख चुका है. ग्रामीणों ने बताया कि बाकी मौसम में तो जैसे तैसे काम चल जाता है. परंतु गर्मी के दिनों में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. गंदा व दूषित पानी पीकर हमें अपनी प्यास बुझानी पड़ती है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक वर्ष पूर्व जलमीनार का निर्माण कराया गया है. परंतु संवेदक की लापरवाही के कारण जलमीनार का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण रामचरन असुर, सुकरा असुर, गुलाबी असुराइन सहित कई लोगों ने कहा कि हमलोगों ने जलमीनार को गांव में लगवाने की मांग की थी. परंतु संवेदक की मनमानी रवैया के कारण जलमीनार को गांव से नीचे लगा दिया गया है. जलमीनार को एक सूखे कुआं में फीट कर दिया गया है. जिसके कारण जलमीनार गर्मी आते ही अपना दम तोड़ दिया. जलमीनार को बड़ी बस्ती से नीचे की ओर लगाने के कारण ग्रामीणों को जल से नल का लाभ नहीं मिल पाता है. लोगों ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व जिला परिषद मद से गांव में जलमीनार का निर्माण कराया गया था. जिससे लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल रहा था. परंतु पिछले दो सालों से यह जलमीनार खराब होकर पड़ा हुआ है. इसकी जानकारी लगातार जनप्रतिनिधि से लेकर विभाग के अधिकारियों को भी दी गयी है. इसकी मरम्मत पर किसी ने कोई पहल नहीं की. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमलोगों के द्वारा संवेदक को कई बार उक्त जगह पर जलमीनार लगाने के लिए मना किया गया था और साथ ही बोरिंग कर मोटर लगाने के लिए कहा. इसके बाद भी संवेदक बिना ग्रामीणों की सहमति के ही गलत जगह पर जलमीनार का निर्माण करा दिया. जिससे हमें जलमीनार का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है और हम गांव के लोग बूंद-बूंद पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों ने जलमीनार को सही जगह पर लगाकर नल से जल योजना का लाभ दिलाने की मांग की. मामले की जांच किया जायेगा : इंजीनियर विभाग के इंजीनियर रजनीश से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के विरोध के बाद गलत जगह में जलमीनार लगाया गया है. उसकी जांच की जायेगी. उन्होंने बताया कि अभी लगातार 134 स्कीमों की जांच की गयी है. उक्त गांव में बोरिंग होना संभव होगा, तो वहां बोरिंग भी कराया जायेगा. लोगों के घरों तक स्वच्छ नल से जल मिले. इसके लिए विभाग कार्य कर रही है.

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