शहर को जितना सप्लाई पानी की जरूरत है, उतना पानी सप्लाई नहीं की जा रही है. पानी सप्लाई की पड़ताल की गयी, जिसमें पाया गया कि करमडीपा स्थित वाटर प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी (मिलियन लीटर) की है. परंतु, प्रतिदिन मात्र चार या साढ़े चार मिलियन लीटर की पानी की सप्लाई होती है. यानि की गुमला शहर को प्रतिदिन एक करोड़, 20 लाख लीटर पानी की सप्लाई करनी है, जिसमें मात्र 40 से 45 लाख लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है. बाकी पानी कहां जा रहा है, इसकी कभी पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता या कनीय अभियंता ने जांच नहीं किये हैं. पानी की सप्लाई का यह खेल वर्षों से चल रहा है. इसमें विभाग की भूमिका संदेह में है.
सूत्र बताते हैं कि करमडीपा प्लांट से सड़क, पुल-पुलिया व भवन निर्माण समेत अन्य निर्माण कार्यों के लिए पानी बेचा जा रहा है. इस कारण गुमला शहर को जितने पानी की जरूरत है, उतनी पानी सप्लाई नहीं की जा रही है. हालांकि, संवेदक कुमार संदीप की माने, तो गुमला शहर को प्रतिदिन 54 लाख लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है.
कुमार संदीप ने कहा है कि गुमला शहर के पालकोट रोड में एक जलमीनार बननी थी, परंतु, जमीन नहीं मिलने से अबतक जलमीनार नहीं बन पायी है. साथ ही गुमला शहर के अधिकांश मुहल्लों में घर-घर जलापूर्ति के लिए पाइप बिछाया गया है. परंतु, उस पाइप से पानी की सप्लाई चालू नहीं की गयी है.
जिस कारण 12 एमएलडी (एक करोड़ 20 लाख लीटर) पानी सप्लाई गुमला शहर में नहीं हो पा रहा है. बता दें कि जब शहर में 12 एमएलडी पानी सप्लाई नहीं हो रही है, तो फिर प्रतिदिन करमडीपा प्लांट में स्टोर होने वाले 12 एमएलडी पानी कहां जा रहा है. सूत्रों से पता चला है कि करमडीपा प्लांट में पानी नापने की जो मशीन लगी है, उसमें भी छेड़छाड़ की गयी है, जो जांच का विषय है.
गुमला शहर के कई मुहल्लों में एक साल से पानी की सप्लाई बंद है. इसकी सूचना पीएचइडी विभाग व नगर परिषद गुमला को दी गयी है. परंतु, कभी भी दोनों विभागों ने इसकी जांच नहीं की. न ही पानी सप्लाई बंद होने के कारणों का पता करने का प्रयास किया गया. इस कारण गुमला शहर के कई मुहल्ले के लोगों को दो बाल्टी पानी के लिए भी भटकना पड़ता है या तो फिर आरओ प्लांट से प्रतिदिन पानी खरीद कर घरेलू उपयोग व पीने में उपयोग ला रहे हैं.
सुबह व शाम को गुमला शहरी क्षेत्र में मात्र 45 मिनट या एक घंटा पानी सप्लाई की जाती है. कई बार तो आधा घंटा ही पानी सप्लाई को बंद कर दी जाती है, जिस कारण मुहल्ले के लोग सार्वजनिक नल से पानी भी नहीं भर पाते हैं. लोगों की शिकायत है. शहर के लोगों का पानी काट कर कहीं और बेचा जाता है, जिसकी जांच हो. साथ ही गुमला शहर में सुचारू ढंग से पानी की सप्लाई हर मुहल्ले में हो.
नागफेनी में जलापूर्ति के लिए वाटर मशीन लगी है, परंतु, अक्सर मशीन की देख-रेख सही से नहीं होने से मशीन खराब हो जाती है. बता दें कि दो साल पहले नागफेनी में लाखों रुपये की मशीन लगी थी. परंतु, कुछ माह चलने के बाद मशीन खराब हो गयी. जांच में पता चला कि मशीन लगाने के बाद उसकी देखरेख सही से नहीं होती थी. साथ ही मशीन को चालू कर वहां के कर्मचारी घंटों तक गायब हो जाते थे. इस वजह से मशीन में बालू घुसने व वोल्टेज के कारण खराब हो जाता है और परेशानी गुमला शहर की आम जनता को भुगतनी पड़ती है.