बेलागाड़ा में 25 एकड़ में हो रही तरबूज की खेती

कृषि विज्ञान केंद्र गुमला, विकास भारती बिशुनपुर द्वारा घाघरा प्रखंड के बेलागाड़ा गांव में लगे 25 एकड़ तरबूज की खेत में ड्रोन के माध्यम से दवा का छिड़काव किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 13, 2024 4:50 PM

: ड्रोन के माध्यम से 25 एकड़ की तरबूज की खेती में किया कीटनाशक का छिड़काव. 13 गुम 12 में ड्रोन से छिड़काव करते 13 गुम 13 में खेत में लहलहाते तरबूज प्रतिनिधि, गुमला कृषि विज्ञान केंद्र गुमला, विकास भारती बिशुनपुर द्वारा घाघरा प्रखंड के बेलागाड़ा गांव में लगे 25 एकड़ तरबूज की खेत में ड्रोन के माध्यम से दवा का छिड़काव किया गया. वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार ने बताया कि यह जिला तरबूज उत्पादन के लिए काफी उपयुक्त है. साथ ही यहां के तरबूज में अलग मिठास है. इस कारण बाजार में इसकी मांग भी ज्यादा है. इस वर्ष गुमला जिले में लगभग 300 हेक्टेयर में तरबूज की खेती की गयी है. बेलागाड़ा गांव के लक्ष्मण उरांव बताते हैं कि तरबूज किसानों के लिए काफी लाभदायक खेती के रूप में सामने आया है. साथ ही हमने प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप इरीगेशन सिस्टम के माध्यम से 25 एकड़ में तरबूज की खेती की है. जिससे आसपास के गांव के लोग भी सीख कर अब मल्चिंग के साथ ड्रिप इरिगेशन सिस्टम में खेती करना आरंभ किया हैं. जिससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र के इंजीनियर एनो राय ने बताया कि 5 से 7 मिनट में एक एकड़ में दवा का छिड़काव किया जा सकता है. साथ ही साथ इसमें 80 से 90 प्रतिशत पानी की बचत होती है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अटल बिहारी तिवारी ने बताया कि यह मौसम जो इस समय बना हुआ है. इसमें विभिन्न सब्जियों में कीट एवं रोग के बढ़ाने की संभावना बढ़ जाती है. इससे निजात पाने के लिए हमें समय-समय पर खेत की देखरेख करते रहना चाहिए. जहां तक तरबूज की बात है. इसमें अनेक प्रकार के कीट लगते हैं. जिसके लिए हम फेरोमोन ट्रैप, यलो ट्रैप, ब्लू ट्रैप के साथ-साथ जैविक कीटनाशक के उपयोग से ज्यादा से ज्यादा कीटों से निपटारा पाया जा सकता है.

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