गुमला में अचानक बदला मौसम, खेतों में लगी फसल के साथ-साथ खपरैल के मकान भी क्षतिग्रस्त
jharkhand weather : झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला में अचानक मौसम के करवट लेने की वजह से खेतों में लगी फसल बर्बाद हो गयी. खपरैल के मकान क्षतिग्रस्त हो गये. शुक्रवार (29 मई, 2020) की शाम को अचानक जिला के कई प्रखंडों में मौसम बदल गया. तेज आंधी के साथ बारिश भी हुई, जिससे फसल के साथ-साथ लोगों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गये.
गुमला : झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला में अचानक मौसम के करवट लेने की वजह से खेतों में लगी फसल बर्बाद हो गयी. खपरैल के मकान क्षतिग्रस्त हो गये. शुक्रवार (29 मई, 2020) की शाम को अचानक जिला के कई प्रखंडों में मौसम बदल गया. तेज आंधी के साथ बारिश भी हुई, जिससे फसल के साथ-साथ लोगों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गये.
Also Read: सावधान! झारखंड में भीषण गर्मी का कहर जारी, मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए जारी किया येलो अलर्टबिशुनपुर प्रखंड में शुक्रवार की शाम 4:00 बजे अचानक शुरू हो गयी. बारिश के बाद जोरदार ओलावृष्टि भी हुई, जिसकी वजह से किसान के खेतों में लगी फसलें एवं लोगों के खपरैल के मकान क्षतिग्रस्त हो गये. शाम 4:00 बजे बारिश के बाद अचानक शुरू हुई ओलावृष्टि. बताया जा रहा है कि ओले का वजन 200-200 ग्राम तक का था.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने अपने गांव में कभी इतने बड़े-बड़े ओले गिरते नहीं देखे. ओलावृष्टि के समय लोग भयभीत थे. एसबेस्टस और खपरैल चकनाचूर हो रहे थे. इसने लोगों को और डरा दिया. गनीमत यह रही कि महज 10 मिनट के बाद ओलावृष्टि बंद हो गयी.
किसानों ने बताया कि उन्होंने तरबूज, खीरा, ककरी, लौकी, टमाटर आदि की फसल लगायी थी, जिसे काफी नुकसान हुआ है. कच्चे मकानों की छत पर लगे खपरैल और एसबेस्टस की शीटें टूट गयी हैं. हालांकि, आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से किसी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ.
उधर, कामडारा प्रखंड मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित रायकेरा गांव के तोलंगा टोली में आंधी-पानी की वजह से कान्हू तोपनो का मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. परिवार के लोग कहां रहेंगे, इसका संकट आ गया है. गुरुवार को भी शाम में तेज आंधी चली थी, जिसकी वजह से लोगों के मकान पर लगी एसबेस्टस की शीटें उड़ गयीं.
Also Read: सावधान! झारखंड में 28-29 सितंबर को होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्टदूर जाकर गिरी एसबेस्टस की शीटें चकनाचूर हो गयीं. ये मकान गरीबों के थे. इन्हें हजारों रुपये का नुकसान हुआ और रात में सिर छुपाने की जगह छिन गयी. परेशान कान्हू तोपनो और उसके परिवार ने प्रखंड प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है, ताकि वह अपने छत की मरम्मत करवा सके.