जब प्रशासन ने मुंह मोड़ा, तो गुमला के इस गांव के लोगों ने श्रमदान कर पथ की मरम्मत की

आजादी के 73 वर्ष बीत जाने के बावजूद मंगरुतल्ला गांव का विकास से कोसों दूर है. ग्रामीणों ने कई बार सड़क बनाने को लेकर प्रखंड प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन से मांग की.

By Prabhat Khabar News Desk | October 25, 2021 1:30 PM

जारी : आजादी के 73 वर्ष बीत जाने के बावजूद मंगरुतल्ला गांव का विकास से कोसों दूर है. ग्रामीणों ने कई बार सड़क बनाने को लेकर प्रखंड प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन से मांग की. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. यहां बताते चलें कि प्रखंड मुख्यालय से आठ किमी दूर स्थित मंगरुतला गांव है. यह गांव आजादी के 73 साल बाद भी बुनियादी सुविधा से वंचित है. इस गांव में जाने के लिए सड़क नहीं है.

पगडंडियों के सहारे से इस गांव में प्रवेश करना पड़ता है. बरसात के दिनों में तो, दो चक्का वाहनों से भी गांव पहुंचना बड़ी मुश्किल है. जीवदा हस्सा परियोजना के तत्वावधान में मंगरुतला के ग्रामीण द्वारा वर्तमान में रविवार को श्रमदान कर आवागमन के लिए सड़क की मरम्मत की गयी. ग्रामीण बौद्धा खेरवार, महिंद्रा खेरवार, रिंकू खेरवार अकलेश लोहरा, करमू कुजूर ने बताया कि आजादी के बाद भी हमलोगो के गांव तक आने जाने का कोई रास्ता नही है.

जिस कारण हम ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में तो दो चक्का एवं चार चक्का वाहन का आना मुश्किल है. हमलोग बरसात खत्म होने के बाद प्रत्येक साल श्रमदान करके रोड को चलने लायक बनाते है. लेकिन प्रशासन हमलोगों के गांव तक आने जाने के लिए रोड नहीं बना रहा है. अगर प्रशासन पहल कर सड़क बना देती, तो हमलोगों को काफी सुविधा मिलती. बरसात के दिनों मे अगर डिलेवरी केश या कोई बड़ी बीमारी हो तो खटिया या गेड़वा भार में ढोकर भिखमपुर रोड तक लेते है. तब जाकर फिर चार चक्के वाहन से लेकर इलाज कराते है. मौके पर बौद्धा खेरवार, टेटरू खेरवार, महेंद्र खेरवार, रिंकू खेरवार, अखिलेश लोहरा, मधु चीक बड़ाइक, करमू कुजूर, जगरनाथ खेरवार, राजू तिर्की, सिलबिरयुस तिर्की, अमृत असुर, अनूप उरांव सहित कई लोग श्रमदान में शामिल थे.

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