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स्कूल बंद हुआ, तो घर में रहती थी दृष्टिबाधित लड़की, माता-पिता ने मारपीट कर घर से निकाला

सिसई थाना के लाल पंडरानी गांव निवासी दृष्टिबाधित नाबालिग रास्ता भटक कर मंगलवार को घाघरा प्रखंड की बनियाडीह गांव पहुंची. जिसे थाना प्रभारी अभिनव कुमार की पहल पर राह भटकी दृष्टिबाधित को सीडब्ल्यूसी गुमला पहुंचाया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 2, 2022 1:58 PM

घाघरा : सिसई थाना के लाल पंडरानी गांव निवासी दृष्टिबाधित नाबालिग रास्ता भटक कर मंगलवार को घाघरा प्रखंड की बनियाडीह गांव पहुंची. जिसे थाना प्रभारी अभिनव कुमार की पहल पर राह भटकी दृष्टिबाधित को सीडब्ल्यूसी गुमला पहुंचाया गया. नाबालिग को देखकर ग्रामीणों ने थाना प्रभारी अभिनव कुमार को सूचना दी. सूचना मिलते ही थानेदार गांव से नाबालिग को लाकर थाना में बैठाकर खाना खिलाने के उपरांत घटना की सारी जानकारी ली.

जिस पर नाबालिग ने बताया कि वह सिसई स्थित लाल पंडरानी गांव की है. पिता का नाम पांडो शर्मा बतायी. नाबालिग ने यह भी बताया कि वह सिलम स्थित मूकबधिर स्कूल में दृष्टिबाधित विद्यालय में रहती थी. विद्यालय बंद होने के कारण वह घर पर रहती थी. परंतु माता-पिता मारपीट करते थे. सोमवार को नाबालिग के साथ मारपीट कर उसे घर से बाहर निकाल दिया गया.

जिसके बाद नाबालिग सिलम मूकबधिर स्कूल जाने के लिये निकली और रास्ता भटक कर बनियाडीह पहुंच गयी. नाबालिग की बात सुनने के बाद थानेदार अभिनव कुमार व एसआई देवप्रताप प्रधान ने नाबालिग को सीडब्ल्यूसी कार्यालय पहुंचाया. थानेदार अभिनव कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि दृष्टिबाधित लड़की रास्ता भटक कर बनियाडीह गांव में आयी है.

लड़की बीते दो दिनों से कुछ भी नहीं खायी थी. वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो सकती थी. खाना खिलाने के बाद उससे पूछताछ की गयी. अभी लड़की की बेहतर देखरेख के लिए उसे सीडब्ल्यूसी कार्यालय पहुंचा दिया गया है और उसके परिजनों से संपर्क किया जा रहा है.

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