झारखंड: आदिवासी विधवा महिला के पीएम आवास पर सीओ ने क्यों चलवाया बुलडोजर ? एमपी सुदर्शन भगत ने बताया संवेदनहीन
विधवा आदिवासी महिला ने कहा कि उसका घर बना दिया जाए, नहीं तो वह अपने बच्चों के साथ प्रखंड मुख्यालय के समीप आत्मदाह कर लेगी. 15 दिनों के अंदर न्याय नहीं मिला, तो पूरी घटना का जिम्मेदार प्रखंड प्रशासन होगा. इधर, महिला के आवेदन के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गयी है.
गुमला, दुर्जय पासवान. गुमला जिले के बसिया में सीओ (अंचलाधिकारी) रविंद्र पांडेय द्वारा आदिवासी विधवा महिला सीमा तिर्की के पीएम (प्रधानमंत्री) आवास को ध्वस्त करा दिया गया है. सीओ ने तर्क दिया है कि पीएम आवास सरकारी जमीन पर बना है. इस संदर्भ में पीड़ित महिला का कहना है कि वह विधवा महिला है. वह अपनी रैयती जमीन पर पीएम आवास बना रही थी, परंतु इस क्रम में कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर चला गया. इस संबंध में उसने एसडीओ व बीडीओ को लिखित आवेदन देकर शिकायत की है. उसने बताया कि वह अपनी रैयती जमीन के समीप आवास बना रही थी. उसे मालूम नहीं था कि वह सरकारी जमीन है. वह भूमिहीन कृषक श्रेणी से आती है. आवास बनाने के लिये उसे एक लाख 25 हजार रुपये एवं मजदूरी भुगतान के लिए 21 हजार 150 रुपये मिले हैं. उसने मंडल एवं भारत फाइनांस कंपनी से एक लाख रुपये लोन लिया है. कन्यादान योजना से 30 हजार रुपये मिले थे. उन सभी पैसे को उसने घर बनाने में लगा दिया था, परंतु सीओ द्वारा ध्वस्त करा दिया गया.
शिकायत के बाद हरकत में आया प्रशासन
विधवा आदिवासी महिला ने कहा कि उसका घर बना दिया जाए, नहीं तो वह अपने बच्चों के साथ प्रखंड मुख्यालय के समीप आत्मदाह कर लेगी. 15 दिनों के अंदर न्याय नहीं मिला, तो पूरी घटना का जिम्मेदार प्रखंड प्रशासन होगा. इधर, महिला के आवेदन के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गयी है, जबकि महिला का कहना है कि घर नहीं बना तो मैं बेघर होकर कैसे जिंदा रहूंगी. इससे अच्छा है कि मैं मर जाऊं. सीमा तिर्की के अनुसार उसने एसडीओ से भी गुहार लगायी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. सरकारी नियम के अनुसार किसी ऐसे व्यक्ति जिसे पीएम आवास मिला हो और किसी कारणवश उसे तोड़ना पड़े, तो इसके एवज में तीन डिसमिल जमीन दिये जाने के बाद ही घर तोड़ना है, लेकिन प्रशासन ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जो सवाल के घेरे में है.
बसिया प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है : सुदर्शन भगत
बसिया प्रखंड में आदिवासी महिला का पीएम आवास प्रशासन द्वारा ध्वस्त करने के बाद सांसद सुदर्शन भगत ने कहा है कि जिला प्रशासन संवेदनहीन हो चुका है. जहां एक ओर सरकार आदिवासी की हितैषी बनती है. वहीं दूसरी ओर एक आदिवासी विधवा महिला के घर को प्रशासन ने जेसीबी लगाकर तोड़ दिया. गौरतलब है कि बसिया में स्व मुकेश मुंडा के घर को तोड़ा गया है. गृहिणी सीमा तिर्की ने बताया कि उनके पति की मौत तीन माह पहले ही हुई है. वे बीमारी से जूझ रहे थे. सांसद सुदर्शन ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में प्रशासन का अमानवीय चेहरा झलकता है. घर सरकारी जमीन में कैसे बना. इसकी जांच पहले कैसे नहीं हुई और नहीं हुई तो इतने दिन तक प्रशासन कहां था. ये बड़ा सवाल है. इस मामले में पीड़िता को उचित न्याय मिले. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार और दोषी पदाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई करें.
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