गुमला : गुमला जिला अंतर्गत बसिया प्रखंड का तेतरा पाकरटोली गांव. इस गांव की महिला किसान विक्टोरिया तिग्गा खेती से तकदीर बदल दी है. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण विक्टोरिया बचपन से ही मजदूरी करनी शुरू कर दी थी, लेकिन आज वह फलदार पौधों की बागवानी व सब्जी की खेती से अपनी अलग पहचान बनायी है. पढ़ें, बसिया से कमलेश साहू की रिपोर्ट.
कभी मजदूरी कर परिवार का जैसे- तैसे पालन करने वाली विक्टोरिया तिग्गा आज सफल किसान है. एक समय था जब वह बाल श्रमिक थी. घर की गरीबी व बेकारी के कारण बचपन से ही मजदूरी करना पड़ा था, लेकिन आज वह फलदार पौधों की बागवानी व सब्जी की खेती से अपनी अलग पहचान बनायी है.
गरीबी में पली- बढ़ी विक्टोरिया बाल श्रमिक के रूप में अपनी जिंदगी की शुरुआत की थी. आज वह 5 एकड़ खेत में बागवानी कर रही है. जिस खेत में वह आम की बागवानी की है, उसी खेत में वह सब्जी व अन्य फसलों की भी खेती करती है. विक्टोरिया के काम में उसके पति सिलबानुस तिग्गा भी मदद करते हैं.
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सिलबानुस तिग्गा का कहना है कि घर की माली स्थिति ठीक नहीं थी. इस बीच प्रशासन ने हमें सरकार की योजनाओं से जोड़ा. जिससे हम खेती-बारी कर अपने घर व परिवार की स्थिति बदलने में लगे हुए हैं. विक्टोरिया के साथ गांव की जगरानी लकड़ा, सुशीला लकड़ा, सुको लकड़ा भी फलदार पौधा लगाये हैं. आम का पौधा अब पेड़ बन गया है और फल देने लगा है.
बसिया प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी रवींद्र गुप्ता कहते हैं कि तेतरा पंचायत अंतर्गत तेतरा गांव निवासी विक्टोरिया तिग्गा को वर्ष 2016 -17 में मनरेगा के तहत सीएफटी प्रोजेक्ट के तहत आम बागवानी दी गयी थी. वह 4 साल कड़ी मेहनत की. विक्टोरिया की मेहनत का फल है कि आज सभी फलदार पेड़ फल देने लायक हो गये हैं.
प्रशासन के मार्गदर्शन से उसने यह मुकाम हासिल किया. एनजीओ द्वारा उन्हें समय- समय पर प्रशिक्षण भी दिया गया. श्री गुप्ता ने कहा कि विक्टोरिया को मनरेगा के तहत कुआं भी दिया गया है. उसने 1 एकड़ जमीन में फलदायक पेड़ लगायी है. प्लांटेशन के लिए प्रशासन की ओर से खाद भी दिया गया है.
इधर, गुमला डीसी शशि रंजन ने ट्विटर के माध्यम से विक्टोरिया द्वारा किये जा रहे खेती-बारी, फलदार पौधे व खेत में आयी हरियाली की प्रशंसा किये हैं.
Posted By : Samir ranjan.