profilePicture

सुनहरे भविष्य का सपना लेकर दिल्ली जा रही महिलाएं बन रही हैं दलालों का शिकार, जानें क्या है मामला

दलालों के चक्कर में फंस कर शोषण की शिकार हो रही है सिमडेगा जिले की आदिवासी महिलाएं. सुनहरे भविष्य और अच्छे काम का सब्जबाग दिखाकर दलाल क्षेत्र की भोली भाली आदिवासी महिलाओं को दिल्ली ले जाते हैं और कोठी में रखकर बदले में कोठी वालों से मोटी रकम लेकर लापता हो जाते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 27, 2021 2:11 PM
an image

दलालों के चक्कर में फंस कर शोषण की शिकार हो रही है सिमडेगा जिले की आदिवासी महिलाएं. सुनहरे भविष्य और अच्छे काम का सब्जबाग दिखाकर दलाल क्षेत्र की भोली भाली आदिवासी महिलाओं को दिल्ली ले जाते हैं और कोठी में रखकर बदले में कोठी वालों से मोटी रकम लेकर लापता हो जाते हैं. ऐसी ही एक घटना सिमडेगा थाना इलाके के बेलगड़ की है. बेलगड़ की दो महिलाओं को सुजीत नामक एक दलाल दिल्ली सुनहरे भविष्य और अच्छे काम का प्रलोभन दो माह पहले ले गया.

दिल्ली में सुजीत ने ललिता और मनीषा केरकेट्टा को दिल्ली के तिलक नगर 15/34 कोठी में काम दिलाने के नाम पर रख दिया. कोठी मालिक से बदले में मोटी रकम लेकर चलता बना. दो महीने लगभग बीत जाने के बाद भी दोनों को कोठी मालिक द्वारा एक रुपये भी नहीं दिये गये. कोठी मालिक ने कहा कि दलाल रुपये ले गया है. इधर परिजनों को कुछ भी रुपये नहीं भेजने पर परिजनों ने खोजबीन की.

पता चलने पर परिजनों को दोनों ने पूरी कहानी बतायी तथा कहा कि सुजीत नामक दलाल दोनों को एक कोठी में काम दिलाने के नाम पर मोटी रकम लेकर फरार हो गया है. एक महिला रुपये नहीं मिलने की स्थिति में कोठी से निलकना चाहती थी, किंतु कोठी के मालिक उसे जाने नहीं दिया. इसके बाद सिमडेगा से परिजनों द्वारा किसी प्रकार गांव के लोगों से किसी प्रकार 10 हजार रुपया भेजा तब उसे आजाद किया गया.

परिजनों ने 10 हजार रुपये देकर एक महिला को एक कोठी से मुक्त कराया, दो महीने काम किये नहीं मिले एक भी रुपये, दलाल ले लेते है नौकरी दिलाने पर अग्रिम रुपये, पुलिस की पहल पर एक महिला अन्य एक कोठी से आजाद हुई, बेलगड़ की दो महिलाओं का दर्द

Next Article

Exit mobile version