World AIDS Day Special: गुमला सदर अस्पताल में संचालित परामर्श केंद्र से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गुमला जिला में 231 महिला, पुरुष व बच्चे एड्स (एचआइवी) से पीड़ित है. इसमें सभी को एआरटी की दवा दी जा रही है. सभी सामान्य जिंदगी जी रहे हैं. अच्छी बात यह है कि एड्स पीड़ित आठ गर्भवतियों ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. सेंटर के काउंसलर युगांत कुमार दूबे ने बताया कि 17 सालों में एक लाख 34 हजार 69 लोगों ने एचआइवी की जांच कराया. जिसमें 231 लोगों एड्स से पीड़ित मिले हैं. इसमें एड्स पीड़ित पुरुष 126 व महिला 105 है. वहीं गुमला जिले के 121 आदिवासी लोग एड्स से प्रभावित हैं. जबकि अन्य समुदाय के 110 लोग प्रभावित हैं. जिनका नियमित दवा चल रहा है. ये सभी अभी सामान्य जिंदगी जी रहे हैं. 21 गर्भवती महिलाएं भी एड्स से पीड़ित हैं. श्री दूबे ने बताया कि जिले के 231 में से 111 मरीजों को गुमला सदर अस्पताल स्थित एआरटी केंद्र से दवा दी जा रही है. जबकि अन्य 120 मरीज रांची व अन्य दूसरे जिले के अस्पताल से दवा खा रहे हैं.
2022 की जांच रिपोर्ट
नोडल ऑफिसर डॉ अनुपम किशोर ने बताया कि वर्ष 2022 में जनवरी से नवंबर माह तक 4033 पुरुष की जांच की गयी. जिसमें पांच पॉजिटिव मिले. वहीं 1170 महिला की जांच में चार महिलाएं एड्स पॉजिटिव मिली. जबकि 6320 गर्भवती महिला की जांच की गयी. जिसमें चार गर्भवती महिला एड्स से पीड़ित मिली. वर्ष 2020 में दो एड्स पीड़ितों की मौत हुई है.
ये लाभ मिल रहा है
डॉ अनुपम किशोर ने बताया कि एड्स पीड़ित मरीजों को हर संभव सरकारी योजनाओं से जोड़कर उनकी मदद की जा रही है. 79 मरीजों को पेंशन योजना से जोड़कर पेंशन दिया जा रहा है. 32 मरीजों को पेंशन योजना से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है. 75 मरीजों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है. 18 लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया है. 86 मरीजों को कोविड वैक्सीनेशन दिया गया है. छह लोगों को बैंक से इंश्योरेंस स्कीम का लाभ दिया जा रहा है. 80 लोगों का राशन कार्ड बनवाया गया है.
जांच कराने से डरते हैं लोग
परामर्शदातृ युगांत दूबे ने बताया कि सबसे अधिक गुमला प्रखंड में 98 लोग एड्स से पीड़ित मिले हैं. जबकि दूसरे प्रखंड से एड्स पीड़ितों की संख्या कम है. इसका मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग जांच कराने से डरते हैं. जबकि जारी, बिशुनपुर, डुमरी, चैनपुर, कामडारा, बसिया, जारी के लोग बहुत ज्यादा दूसरे राज्य पलायन करते हैं. महीनों तक दूसरे राज्य में रहते हैं. इसके बाद वे वापस आते हैं, प्रवासी मजदूरों की जांच होने से एड्स मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. परंतु, इससे उन्हें लंबी जिंदगी जीने का मार्ग भी मिलेगा. परंतु, जागरूकता की कमी के कारण वे जांच कराने से डरते हैं.
प्रखंडवार एचआइवी पॉजिटिव मरीज
प्रखंड पुरुष महिला टोटल
गुमला 55 43 98
बिशुनपुर 03 03 06
घाघरा 07 04 11
रायडीह 10 10 20
चैनपुर 04 03 07
जारी 02 02 04
डुमरी 03 03 06
पालकोट 08 08 16
बसिया 06 03 09
कामडारा 00 02 02
सिसई 06 05 11
भरनो 04 03 07
अन्य 18 16 34
टोटल 126 105 231
आइसीटीसी सदर अस्पताल में 17 साल में हुई जांच
वर्ष जांच पॉजिटिव
2006 243 03
2007 775 10
2008 2175 10
2009 3095 09
2010 3432 18
2011 3033 14
2012 6286 15
2013 7068 17
2014 6224 18
2015 7303 17
2016 10353 16
2017 15575 16
2018 16465 19
2019 16306 18
2020 11020 07
2021 12191 21
2022 11523 13
टोटल 134069 231
प्रखंडवार आदिवासी व अन्य जाति पॉजिटिव रिपोर्ट
प्रखंड आदिवासी अन्य जाति टोटल
गुमला 38 60 98
बिशुनपुर 04 02 06
घाघरा 06 05 11
रायडीह 18 02 20
चैनपुर 07 00 07
जारी 02 02 04
डुमरी 06 00 06
पालकोट 12 04 16
बसिया 07 02 09
कामडारा 02 00 02
सिसई 04 07 11
भरनो 04 03 07
अन्य 11 23 34
टोटल 121 110 231
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला