World Yoga Day 2022: कई बीमारियों की रामबाण दवा है योग, खुद को और दूसरों को रखें फिट
21 जून को विश्व योग दिवस है. योग बनाए निरोग. इस मूलमंत्र के सहारे सभी स्वस्थ रह सकते हैं. दिन में कुछ समय दें, तो हमेशा स्वस्थ रहे. गुमला के योग गुरु अपने अनुभव बताते हुए इसके लाभ के बारे में बता रहे हैं.
World Yoga Day 2022: हम सभी की जिंदगी की गाड़ी तेजी से भाग रही है. सुबह उठे की नहीं, परिवार और काम-धंधा की चिंता. घर से लेकर बाहर तक का टेंशन. हमारी जिंदगी कहीं ठहरती नजर नहीं आ रही है. भाग-दौड़ की जिंदगी में अनियमित भोजन, ज्यादा तेल और मशाला युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन या फिर काम की व्यस्तता. हम अपनी जिंदगी में शरीर पर ध्यान देना भूलते जा रहे हैं. यही वजह है कि हम कई बीमारियों के चंगुल में फंसे हुए हैं. हमें तत्काल इसका आभाष नहीं होता है. जब शरीर की बीमारी धीरे-धीरे विकराल रूप ले लेती है. तब हमें अहसास होता है कि हमने अपने शरीर को खो दिया है. वर्तमान में कोरोना महामारी भी हमारे लिए घातक है. ऐसे समय में हमारे शरीर की इम्युनिटी शक्ति बढ़ाने के लिए नियमित योग ही एक उपचार है. सुबह में कम से कम 10 से 30 मिनट अगर हम नियमित योग करते हैं, तो हम न स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि बीमारियों को हराकर हम कुछ साल लंबी जिंदगी भी जी सकते हैं. दवा से ज्यादा लाभकारी योग है. प्रभात खबर की यह प्रस्तुति उन लोगों के लिए है जो योग से फिट हैं और दूसरे लोगों को भी योग कराकर फिट रख रहे हैं.
योग से बावासीर, पथरी, माइग्रेशन ठीक हो गया : घनश्याम
योग गुरु घनश्याम आर्य गुमला के सिसई के जाने-माने योग शिक्षक एवं प्रशिक्षक हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में स्वामी रामदेव द्वारा किये जा रहे योग को करते देखा. किस प्रकार योग से बीमारियों को लोग हरा रहे हैं. उसके बाद रामदेव बाबा से प्रेरणा लेकर मैं योग करने का संकल्प लिया और घर में योग शुरू किया. पतंजलि योगपीठ हरिद्वार समिति के गुमला जिला प्रभारी भोला प्रसाद से 2009 में परिचय हुआ और वे 15 दिवसीय योग शिविर में हरिद्वार गये. जहां मेरा जीवन बदल गया. 2015 में योगपीठ हरिद्वार के द्वारा गुमला जिला का योग प्रचारक मुझे नियुक्त किया गया. 2015 सिसई प्रखंड में, 2016 में बिशुनपुर, घाघरा, गुमला, सिसई सहित जिला के 12 प्रखंड एवं 2017 में असम में 15 दिन के शिविर में सेवा देने के लिए सम्मानित किया गया. वर्तमान में सिसई में अष्टांग योगा फिटनेस सेंटर चलाते हैं. जहां नि:शुल्क योगा का प्रशिक्षण दिया जाता है. घनश्याम कहते हैं कि जब मैं योग में आया. तब बावासीर, पथरी, माइग्रेशन का इलाज करा कर थक गया था. योग करने से सभी समस्या दूर हो गयी. योग करके मनुष्य उच्च कोटि के निरोग जीवन व्यतीत कर सकता है.
भोला प्रसाद हर रोज लोगों को योग कक्षा कराते हैं
गुमला के भोला प्रसाद ने योगा के माध्यम से अपना जीवन दूसरे लोगों के जीवन को स्वस्थ रखने में लगा दिया है. श्री प्रसाद पतंजलि योग समिति गुमला के जिला प्रभारी हैं. उन्होंने कहा कि मैं लगातार 2006 से नियमित योग कर रहा हूं और 2009 से योग शिक्षक के रूप में पूरे जिला में योग के कक्षा एवं योग शिविर लगाकर लोगों को योग का लाभ पहुंचाने का कार्य कर रहा हूं. 2009 से ही मैं जिला के पतंजलि योग समिति के प्रभारी के रूप में अपना दायित्व निभाते आ रहा हूं. मैंने पूरे जिले में लगभग सभी प्रखंडों में दो से तीन बार शिविर लगाकर लोगों को योग के लाभ से अवगत कराया और सैकड़ों लोगों के रोगों को भी दूर किया. वर्ष 2009 से ही मेरे द्वारा स्थापित गये गये योग कक्षा लगातार लोगों को योग सिखाते आ रही है. उन्होंने कहा कि गुमला जिले में अभी 150 से अधिक लोग योग प्रशिक्षक के रूप में जिले भर में काम कर रहे हैं.
29 सालों से लोगों का योग करा रहे जनार्दन साहा
गुमला शहर के पालकोट रोड निवासी 75 वर्षीय जनार्दन प्रसाद साहा 29 वर्षो से स्कूल, कॉलेज में योग करा रहे हैं. आम जनता को भी योग का महत्व बताने के अलावा उन्हें प्रशिक्षण देते हैं. ढलती उम्र में भी अपने को स्वस्थ रखने वाले श्री साहा कहते हैं कि मैं शरीर की कई तकलीफों से परेशान रहता था. परंतु योग से वे खुद अपने शरीर को स्वस्थ किये. उन्होंने कहा कि 1993 ईस्वी से खुद भी योग कर रहे हैं और दूसरों को भी योग का प्रशिक्षण देते आ रहे हैं. 1994 मुंगेर से योग की शिक्षा ग्रहण की और प्रमाण पत्र मिला. सत्यानंद सरस्वती हमारे गुरु हैं. जिनके मार्गदर्शन से आज मैं एक दक्ष योग गुरु बन सका हूं. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार लोगों की जिंदगी में बदलाव आ रहा है. ऐसे समय में हर दिन योग करना चाहिए. समय का कोई प्रतिबंध नहीं है. जो भी समय मिला. उसका सदुपयोग योग में जरूर करें. परंतु नियमित योग जरूरी है. तभी आपके शरीर की इम्युनिटी पावर मजबूत रह सकती है.
गजराज ने अपनी बीमारी को हराया, फिर बन गये योग गुरु
गुमला जिला अंतर्गत सिसई प्रखंड के योग गुरु गजराज महतो 2008 में योग शुरू किया. उन्होंने कहा कि एक टीवी चैनल में बाबा रामदेव को योगा करते देखा तो प्रेरणा मिली. 2007 से ही मुझे कुष्ठ रोग, बायां पैर एवं बायां हाथ मैं सूनापन था. 2010- 11 में योगा कर पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया. पतंजलि योग संगठन के राज्य प्रभारी रामजीवन पांडे ने मुझे 2011 में योग से जोड़ा एवं 2011 में उनके द्वारा सम्मानित किया गया. 2018 में सिसई प्रखंड पतंजलि योग समिति का प्रचारक नियुक्त किया गया. लोगों को योगा के साथ गिलोय, एलोवेरा देकर कई लोगों को गंभीर बीमारी से ठीक किया हूं. अभी स्कूल, कॉलेज एवं जिला के अन्य प्रखंडों में भी नि:शुल्क योगा कराते हैं. प्राणायाम, कपालभाति प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम, सूर्य नमस्कार प्राणायाम कर मनुष्य निरोग जीवन व्यतीत कर सकता है. मुझे खुशी है. मैं बीमार था. परंतु अब ठीक होकर अब दूसरों को स्वस्थ रखने का काम कर रहा हूं.
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रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.