झारखंड के गुमला में पुलिस और सेना में बहाली के लिए युवाओं को मिल रही फ्री ट्रेनिंग, जानें कैसे
नक्सल इलाकों के युवा मुख्यधारा से न भटके, इसके लिए गुमला पुलिस ने एक सराहनीय पहल की है. यहां के युवाओं को पुलिस और सेना में बहाली के लिए फ्री में ट्रेनिंग दी जा रही है. पुलिस लाइन में युवाओं को 50-50 की संख्या में ट्रेनिंग दी जा रही है.
Jharkhand News: गुमला पुलिस ने बेहतरीन पहल की है. नक्सल इलाकों के युवा मुख्यधारा से न भटके. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के युवक-युवतियों को गुमला पुलिस द्वारा पुलिस, सेना एवं अग्निवीर में बहाली के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बहाली के दौरान युवाओं को कौन-कौन प्रतियोगिता से गुजरने पड़ती है. इसकी भी जानकारी दी जा रही है, ताकि युवा पूरी तरह से तैयार हो सके और वे अपने बेहतर मार्ग पर चलते हुए अपनी अलग पहचान बना सके.
पुलिस विभाग दे रहा फ्री ट्रेनिंग
गुमला के पुलिस लाइन चंदाली में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है. 12 सितंबर से प्रशिक्षण चल रही है. इसमें 50-50 की संख्या में बांटकर युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा हे. प्रशिक्षक के रूप में पुलिस विभाग के कई अधिकारी लगे हुए हैं. यह प्रशिक्षण सर्जेंट मेजर प्रणव कुमार के नेतृत्व में प्रशिक्षित प्रशिक्षकों द्वारा कराया जा रहा है.
गुमला एसपी की पहल
गुमला जिला में 12 प्रखंड और 952 गांव है. इसमें हर एक गांव से कोई न कोई सेना और पुलिस में है. लेकिन, नक्सल इलाकों के कई युवा नौकरी नहीं लगने या बहकावे में आकर मुख्यधारा से भटक जाते हैं. कुछ युवा काम के लिए दूसरे राज्य पलायन कर जाते हैं. जिससे उनका भविष्य बर्बाद हो जाता है. कुछ युवा नशापान व अपराध के शिकंजे में फंस जाते हैं. इन समस्याओं को देखते हुए गुमला के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर एहतेशाम वकारीब ने गुमला के ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं की सोच बदलते हुए युवाओं को सेना व पुलिस में नौकरी के लिए तैयार करा रहे हैं. पुलिस का मानना है. गुमला के युवाओं की शारीरिक बनावट सेना व पुलिस में जाने के लिए उपयुक्त है. इसलिए अगर उन्हें सही मार्गदर्शन मिले तो वे मेहनत कर सेना व पुलिस में बहाल हो सकते हैं.
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गुमला के युवक युवतियां पुलिस व सेना में सभी प्रकार की बहाली, उच्च स्तर के शारीरिक परीक्षा को पास कर सकें एवं अपना बेहतर भविष्य बना सकें. इसके लिए सुबह की दौड़ से लेकर शारीरिक, मानसिक रूप से तैयार किया जा रहा है. युवाओं में आत्मविश्वास भरा जा रहा है. लिखित और मौखिक परीक्षा की भी जानकारी दी जा रही है.
युवाओं को पुलिसिंग से जोड़ना है : एसपी
एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब ने कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग के तहत इस प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है. इसका महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि आम जनों के मन में पुलिस के प्रति बैठी भ्रांतियों को दूर करना है. उन्हें भटकाव से रोकना एवं उन्हें पुलिसिंग के तहत जोड़ना है. इस प्रशिक्षण शिविर से जुड़ने के लिए नवयुवकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. काफी संख्या में पुलिस केंद्र में युवा पहुंच कर प्रशिक्षण से जुड़ने के लिए आवेदन दिये हैं. प्रारंभिक चरण में गुमला पुलिस द्वारा गुमला एवं इसके आसपास के क्षेत्रों के नवयुवकों एवं नवयुवतियों को प्रशिक्षण दे रही है.
50-50 के बैच में दी जा रही ट्रेनिंग : सार्जेंट मेजर
वहीं, गुमला के सार्जेंट मेजर प्रणव कुमार ने कहा कि युवक-युवतियों की संख्या को देखते हुए सभी को बारी-बारी से 50-50 के बैच में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है. इस प्रशिक्षण में शारीरिक प्रशिक्षण के साथ साथ उनमें बौद्धिक विकास पर भी कार्य किया जा रहा है.
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