युवाओं ने लिया गुमला के कोनकेल को आदर्श गांव बनाने का संकल्प,शराब बेचने-पीने व जंगल काटने पर लगायी पाबंदी

jharkhand news: गुमला के कोनकेल गांव के युवाओं ने गांव को आदर्श गांव बनाने का संकल्प लिया है. इसको लेकर अब गांव में शराब की ब्रिकी और पीने पर पाबंदी लगायी गयी है, वहीं जंगलों से पेड़ कटाई पर भी रोक लगायी है. इन नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर जुर्माना भी लगाने की बात कही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2022 8:26 PM

Jharkhand news: गुमला जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर रायडीह प्रखंड के कोंडरा पंचायत में कोनकेल गांव है. इस गांव के युवाओं ने गांव के विकास के लिए पहल की है. इसके लिए गांव का अपना नियम बनाया गया है. गांव में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए गांव में शराब बेचने व पीने पर रोक लगा दिया गया है. वहीं, जंगल से पेड़ काटने पर भी पाबंदी लगायी है. अगर ऐसे करते कोई पकड़ा जायेगा, तो बैठक कर जुर्माना तय कर वसूली की जायेगी.

गांव के विकास व सुंदर बनाने के लिए एक कोर कमेटी बनायी गयी है. कोर कमेटी के सदस्यों में शोभा बा, सालेनी कुल्लू, रोशन एक्का, सुशांत बखला, प्रदीप टोप्पो, मुकेश बा, रमेश एक्का, मनोज मिंज, सुबोध कुजूर, बिनोद बा एवं राजेश बा हैं. ये लोग करीब एक साल से युवाओं को जोड़ने के लिए गांव के बुजुर्ग, माता-पिता, भाई-बहनों के सहयोग से कोनकेल युवा संघ को विस्तार किया है.

कोनकेल युवा संघ को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए राजेश बा अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. साथ ही सालेनी कुल्लू, राकेश एक्का, निलेश बखला, अंजू बखला एवं प्रफुल बा उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार निभा रहे हैं. संस्कृति और खेल के क्षेत्र को बढ़ावे देने के लिए सुशांत बखला अध्यक्ष एवं मुकेश एक्का, अंकित कुजूर, अजय बा, संजू बखला, उतेजित एक्का को सहयोगी का कार्यभार सौंपा गया है.

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गांव के विकास के लिए युवा आगे आये

कई वर्षों से कोनकेल गांव में शराब की बिक्री काफी थी. इस वजह से गांव में कई बड़ी-बड़ी घटनाएं घट चुकी है. जैसे सड़क दुर्घटना, आत्मदाह, युवाओं का नशा के चपेट में आना. इन तमाम घटनाओं को देखते हुए राजेश बा की अध्यक्षता में वर्ष 2021 में गांव में सामूहिक गोष्ठी हुआ था. राजेश बा ने कहा कि वर्तमान के युवा समाज, गांव और देश के रीढ़ हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एक आदर्श गांव बनाने के लिए शिक्षा पर जोर, नशा पर पाबंदी, गांव के विकास के लिए एक साथ आना होगा.

उन्होंने कहा कि अगर हमलोग बिखरे पड़े रहेंगे, तो हमारा परिवार, समाज, संस्कृति, और अस्मिता सारे के सारे बिखरे पड़े रहेंगे. इसलिए एकजुटता अतिआवश्यक है. मुख्यतः तीन बिंदुओं पर नये साल में सख्त कदम उठाया गया है. नशा के बिक्री पर रोक, शिक्षा पर जोर व वनों की कटाई पर रोक.

इन तीनो मुद्दों के लेकर गांव के बुजुर्ग, माता-पिता के प्रोत्साहन से युवा काफी उत्सुक के साथ कार्रवाई शुरू हो गयी है. इन तीनो मुद्दों में से नशा की बिक्री पर रोक सकारात्मक रूप से दिखायी दे दे रहा है. कई परिवार शराब बेचना बंद कर चुके हैं और कई बंद करने की स्थिति में हैं. अगर नशापान पर रोक नहीं लगा तो प्रशासन की भी मदद लेने का निर्णय लिया गया.

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रिपोर्ट : जगरनाथ, गुमला.

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