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ढिबरी और लालटेन युग में जी रहे हैं लोग

इटखोरी. आजादी के 70 साल बाद भी धनखेरी पंचायत के पगार भुइयां टोला में बिजली नहीं पहुंची है. बिजली यहां के लोगों के लिए सपना बना हुआ है. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत भुइयां टोला में पांच साल पहले बिजली के पोल व तार लगाये गये, लेकिन अब तक ट्रांसफारमर नहीं लगा. विभागीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2017 12:08 PM

इटखोरी. आजादी के 70 साल बाद भी धनखेरी पंचायत के पगार भुइयां टोला में बिजली नहीं पहुंची है. बिजली यहां के लोगों के लिए सपना बना हुआ है. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत भुइयां टोला में पांच साल पहले बिजली के पोल व तार लगाये गये, लेकिन अब तक ट्रांसफारमर नहीं लगा. विभागीय उदासीनता से पोल व तार भी उखड़ने लगे हैं. जबकि पगार भुइयां टोला से सटे दूसरे टोले में बिजली जल रही है. लेकिन भुइयां टोला के लोग आज लालटेन व ढिबरी युग में रह रहे है. पगार में केवल भुइयां जाति के लोग रहते है. इटखोरी स्थित विद्युत सब स्टेशन से पगार की दूरी मात्र एक किमी है.

एक साल से कटा रखी है रसीद : भुइयां टोला के एक दर्जन ग्रामीण एक साल पहले बिजली कनेक्शन का रसीद कटवा चुके हैं. इसके बावजूद लोग आज तक बिजली से वंचित है. जिन लोगों ने रसीद कटवायी है, उनमें नेमन भुइयां, विजय भुइयां, विदेशी भुइयां, हजारी भुइयां, लक्ष्मण भुइयां, सुनील भुइयां, संजय भुइयां, मनोज भुइयां आदि शामिल हैं. संजय भुइयां ने कहा कि हमलोग 12.4.16 को बिजली कनेक्शन की रसीद कटवायी, लेकिन अभी तक बिजली बहाल नहीं हुई.

प्राथमिकता के तहत मिलनी है बिजली : राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत गरीबों को प्राथमिकता के तहत बिजली सुविधा उपलब्ध करानी है. लेकिन डीवीसी ने केवल पोल खड़ा कर छोड़ दिया.

जवाब देने से इनकार करते हैं अधिकारी: इस संबंध में बिजली विभाग के वरीय अधिकारी कुछ भी बोलने से इनकार करते है. कार्यपालक अभियंता राजेश सिंह से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

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