पार्क की बिगड़ी सूरत, पर्यटक मायूस

हजारीबाग : स्वर्ण जयंती कैफेटेरिया पार्क में पिछले डेढ़ माह से ताला लटका हुआ है. इससे जिले भर के पर्यटकों में निराशा है. बरसात के मौसम में पार्क की रख-रखाव नहीं हो पा रही है. वहीं अव्यवस्था व इधर-उधर सामान पड़े रहने के कारण पूरे पार्क की स्थिति बदतर होती जा रही है. टॉय ट्रेन, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2017 1:16 PM
हजारीबाग : स्वर्ण जयंती कैफेटेरिया पार्क में पिछले डेढ़ माह से ताला लटका हुआ है. इससे जिले भर के पर्यटकों में निराशा है. बरसात के मौसम में पार्क की रख-रखाव नहीं हो पा रही है. वहीं अव्यवस्था व इधर-उधर सामान पड़े रहने के कारण पूरे पार्क की स्थिति बदतर होती जा रही है. टॉय ट्रेन, झूला, कॉटेज, पर्यटकों के लिए बने शेड, ग्रीन पार्क, झरना आदि की स्थिति बदहाल है. बच्चे भी गेट के बाहर से इसे मायूस नजरों से देखते हैं.
शहर के बीचों बीच तीन झीलों के पास यह पार्क हमेशा से पर्यटकों की पहली पसंद रही है. पार्क की सूरत लगातार बिगड़ रही है. वहीं स्थानीय लोगों में भी नाराजगी बढ़ रही है. सुबह शाम झील परिसर में हजारों लोग सैर सपाटा करते हैं. लोग यहां बैठ कर आराम करते थे, लेकिन अब वह निराश हैं. अवकाश के दिनों में बच्चे व महिलाएं यहां आनंद लेते थे.
तीन साल के लिए होती है नीलामी
स्वर्ण जयंती पार्क का संचालन नगर निगम से होता है. पार्क की नीलामी तीन सालों के लिए होती है. 14 जुलाई-2017 को पार्क का एग्रीमेंट समाप्त हो गया.
नये सिरे से पार्क की नीलामी के लिए अखबारों में तीन बार विज्ञापन भी प्रकाशित किया गया. पार्क का शुल्क प्रति वर्ष 17.27 लाख 300 रुपये निर्धारित किया गया. यानि प्रतिदिन पार्क से 4732 रुपये शुल्क निगम ने निर्धारित किया है. तीन साल पार्क लेनेवाले ठेकेदार को 51.81 लाख 900 रुपये देना होगा. इस राशि पर कोई भी ठेकेदार पार्क लेना नहीं चाह रहा है. इस कारण पार्क का एकरारनामा नहीं हो रहा है.
पूर्व संचालक को नुकसान
पूर्व संचालक मंजू देवी ने पिछले तीन वर्षों तक पार्क का संचालन किया. इसके लिए प्रतिवर्ष 15 लाख दो हजार रुपये का भुगतान निगम को किया गया. तीन साल में 45 लाख छह हजार रुपये निगम को देना पड़ा. संचालक को काफी नुकसान हुआ. ऐसी स्थिति में इस वर्ष पार्क के संचालन के लिए कोई सामने नहीं आया.
नीलामी की तीन तिथि हुई रद्द
पार्क की नीलामी के लिए तीन तिथि निर्धारित की गयी. 10 जुलाई 2017 को दो लोग मनोज कुमार और प्रेम शंकर ने बोली लगाने के लिए ड्रॉफ्ट जमा किया था. नीलामी शुल्क अधिक होने के कारण उन्होंने डाक में हिस्सा नहीं लिया. वहीं 24 जुलाई व नौ अगस्त-2017 को भी नीलामी में किसी ने दिलचस्पी नहीं ली.
बोर्ड व विभाग को लेना है निर्णय
स्वर्ण जयंती कैफेटेरिया पार्क आगे कैसे संचालित होगा, इसके लिए नगर निगम बोर्ड प्रस्ताव बनाकर नगर विकास विभाग रांची के पास भेजने की तैयारी कर रहा है. इसके बाद ही कुछ निर्णय हो सकता है.

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