मालूम हो कि इचाक प्रखंड के कई गांवों में हजारों एकड़ भूमि पर आलू की खेती किसानों ने द्वारा किया गया है. इसमें लाखों रुपये की पूंजी कर्ज लेकर लगायी गयी है. मोकतमा के किसान लखन महतो, बलदेव महतो, सुबोध मेहता ने कहा कि मोकतमा में करीब 15 एकड़ भूमि पर किसानों ने आलू की खेती की. इसमें करीब 30 लाख की पूंजी लगायी गयी है.
अधिकांश पौधे मर गये हैं. जो भी पौधा बचा है उसमें आलू कम देखा जा रहा है. फुरुका के छोटन महतो, सकेंद्र मेहता, वीरेंद्र मेहता ने कहा कि फुरुका गांव में करीब 20 एकड़ भूमि पर फुरुका, मंगरा व मोकतमा के किसान खेती किये हैं. उपज होने से पूंजी के अलावा 15 से 20 लाख की कमाई होती, पर इस वर्ष किसानों की कमर टूट गयी. उरुका के खगेश्वर मेहता, बरका के किसान मित्र अशोक मेहता, फुफंदी के राजेश मेहता, नंदू मेहता, भरत मेहता, अनिल महतो, यमुना महतो ने कहा कि फायदा तो दूर पूंजी निकल जाये तो बहुत है. किसानों ने मुनाफा की उम्मीद लगा कर कर्ज लिया है अब उनकी स्थिति दयनीय बनी हुई है.