टमाटर की खेती बर्बाद, किसान मायूस

हजारीबाग: हजारीबाग में प्रदूषण की वजह से जनजीवन के साथ खेती पर भी असर पड़ रहा है. प्रदूषण के कारण कई एकड़ टमाटर की खेती बर्बाद हो गयी है. वहीं पौधों पर धूल की मोटी परत चढ़ गयी है. पूरा पौधा महीनों से धूल से ढंका हुआ है. इस कारण किसानों द्वारा लगाये गये पौधे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2017 12:43 PM

हजारीबाग: हजारीबाग में प्रदूषण की वजह से जनजीवन के साथ खेती पर भी असर पड़ रहा है. प्रदूषण के कारण कई एकड़ टमाटर की खेती बर्बाद हो गयी है. वहीं पौधों पर धूल की मोटी परत चढ़ गयी है. पूरा पौधा महीनों से धूल से ढंका हुआ है. इस कारण किसानों द्वारा लगाये गये पौधे सूख रहे हैं. किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि वह पौधों को बचाये कैसे. व्यापारी उपजे हुए टमाटर खरीदने को तैयार नहीं है. तंग आकर किसानों ने कई एकड़ में लगे टमाटर की खेती को यूं ही छोड़ दिया है.

नहीं हो पा रही है आमदनी: कटकमदाग बानादाग के किसान बैजू महतो ने पांच एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती की थी. टमाटर के पौधे तैयार भी हो गये. उसमें फूल और फल भी आया. किसान ने बताया कि बानादाग सड़क पर प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में हाइवा का परिचालन होता है. हाइवा में कोयला लदा होता है. उससे उड़नेवाली धूल की परत पौधों पर जम जाती है, जिससे नुकसान होता है. किसानों को आमदनी नहीं हो पाती है.

पौधों पर पड़ता है विपरीत असर: केबी महिला कॉलेज वनस्पति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ ममता सिन्हा ने बताया कि धूल की मोटी परत की वजह से पौधे में प्रकाश संस्लेषण की क्रिया बाधित होने से पौधों पर विपरित असर पड़ता है. इससे पौधों का विकास रूक जाता है.

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