बहनों की शादी के लिए मुंबई कमाने गये भाई की मौत
रितिक महेश होटल, सेक्टर नंबर आठ नयी मुंबई में करता था काम तीन दिन तक पैसे के अभाव में पड़ा रहा रितिक का शव डीसी रविशंकर शुक्ला ने की शव लाने की पहल हजारीबाग : बहन की शादी के सपने को लेकर भाई रितिक कुमार (पिता- राजेश सिंह) दो माह पूर्व मुंबई कमाने गया था. […]
रितिक महेश होटल, सेक्टर नंबर आठ नयी मुंबई में करता था काम
तीन दिन तक पैसे के अभाव में पड़ा रहा रितिक का शव
डीसी रविशंकर शुक्ला ने की शव लाने की पहल
हजारीबाग : बहन की शादी के सपने को लेकर भाई रितिक कुमार (पिता- राजेश सिंह) दो माह पूर्व मुंबई कमाने गया था. एक मार्च को मुंबई बेलापुर साईं संगम बिल्डिंग सेक्टर नंबर 15 में काम करने के दौरान वह कमरे में में अचानक बेहोश होकर गिर गया. आनन-फानन में वहां मौजूद लोग उसे इलाज के लिए डाइपाटिल अस्पताल ले गये, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. रितिक महेश होटल, सेक्टर नंबर आठ नयी मुंबई में काम करता था. तीन दिन तक पैसे के अभाव में रितिक का शव अस्पताल में पड़ा रहा. इसके बाद हजारीबाग उपायुक्त रविशंकर शुक्ला की पहल के बाद उसके शव को उसके पैतृक गांव कुसुंभा नवादा विष्णुगढ़ लाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. संभवत: छह मार्च मंगलवार तक उसका शव घर पहुंच जायेगा.
घर का एकमात्र सहारा था रितिक: रितिक 2017 में मैट्रिक पास करने के बाद विष्णुगढ़ से मुंबई कमाने गया था. उसके पिता राजेश सिंह पैर से नि:शक्त है. घर में खेतीबाड़ी के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है. घर में बड़ी हो रही तीन तीन बहनों को देख कर उसकी चिंता रोज बढ़ती जा रही थी. उसने बहनों की शादी के लिए पढ़ाई छोड़ मुंबई जाकर काम करने का निर्णय लिया. इधर, पिता की भी इच्छा थी कि वह अब पढ़ाने की जगह बहन की शादी के बारे में सोचे. वह घर का एकमात्र सहारा था. रितिक अभी नाबालिग था.
सहयोग करने आगे आये कई लोग: रितिक का परिवार पुत्र की आकस्मिक मौत से सदमे में है. उसके परिवार की सहायता के लिए कई लोग आगे आये. बाल विकास परियोजना के संजय कुमार ने सामकेतिक बाल संरक्षण योजना के तहत सहायता करने, मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी समेत गांव के युवाओं ने भी आर्थिक मदद करने की पहल की है.