वन क्षेत्रों के जंगलों में लगी है आग
बड़कागांव : बड़कागांव के जंगलों में आग लग जाने से कई पेड़-पौधे जल गये हैं. आग पर जल्द काबू पाया नहीं गया तो प्राकृतिक संपदा को भारी नुकसान पहुंच सकता है. क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष धूप बढ़ते ही बड़कागांव के आसपास से सटे जंगलों में आग लगनी शुरू हो जाती है. गर्मी के मौसम में […]
बड़कागांव : बड़कागांव के जंगलों में आग लग जाने से कई पेड़-पौधे जल गये हैं. आग पर जल्द काबू पाया नहीं गया तो प्राकृतिक संपदा को भारी नुकसान पहुंच सकता है. क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष धूप बढ़ते ही बड़कागांव के आसपास से सटे जंगलों में आग लगनी शुरू हो जाती है. गर्मी के मौसम में तेज हवा से पेड़ों की डाली में संघर्ष होते ही आग निकलने लगती है. यह आग पेड़ों के नीचे पड़े सूखे पत्तों पर लग जाती है.
कीमती पेड़-पौधे का नुकसान : विभिन्न जंगलों में आग लग जाने से विभिन्न प्रकार की कीमती पेड़ पौधे जल कर नुकसान होने के संभावना बढ़ गयी है. बडकागांव के जंगलों में पारस, पलाश, सखुआ, दोउठा, खैर नेम आम, इमली, बेर, कन्नौद, पुटुस, बहरी, पियार, केन्दों, जामुन, महुआ, पीपल, गुलमोहर, बेल सिमल आदि प्रकार के पेड़ पौधों जलकर नष्ट हो रहे हैं.
वन्य प्राणियों का खतरा : जंगलों में आग लगने से जंगल में रहनेवाले विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणियों का जीवन भी खतरा उत्पन्न हो गया है. जंगलों में आग लगने के कारण कई वन्य प्राणी गांव की ओर भागने लगे हैं. इसका ताजा उदाहरण पांच दिन पहले डाड़ीकला के जंगलों से एक हिरण गांव की ओर भाग निकला. जिसे ग्रामीणों ने पकड़ कर वन विभाग को सौंप दिया.
किन-किन जंगलों में लगी है आग : बड़कागांव वन क्षेत्र के पसरिया, जरजरा, उरीमारी जंगल, महुदी जंगल, बथनिया जंगल, अम्बातरी समेत अन्य जंगल शामिल है.