मतदाताओं को चुनावी वायदे पर विश्वास नहीं, कब होगा चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण
सलाउद्दीन हजारीबाग : नगर निगम चुनाव में वार्ड पार्षद, उप महापौर व महापौर पद के उम्मीदवारों का नये-नये चुनावी मुद्दे सामने आ रहे हैं. मतदाता भी अब पुराने मुद्दों का हिसाब ले रहे है. उम्मीदवारों के चुनावी मुद्दों पर काम हो जाये, तो हजारीबाग शहर फिर से बागों का शहर बन जायेगा. मतदाताओं को चुनावी […]
सलाउद्दीन
हजारीबाग : नगर निगम चुनाव में वार्ड पार्षद, उप महापौर व महापौर पद के उम्मीदवारों का नये-नये चुनावी मुद्दे सामने आ रहे हैं. मतदाता भी अब पुराने मुद्दों का हिसाब ले रहे है. उम्मीदवारों के चुनावी मुद्दों पर काम हो जाये, तो हजारीबाग शहर फिर से बागों का शहर बन जायेगा. मतदाताओं को चुनावी वायदों पर अब विश्वास नहीं हो रहा है. पिछले 10 वर्षों में दो बार मतदाताओं ने काफी उम्मीद से नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव किया था.
हजारीबाग की खोयी सुंदरता फिर से वापस आने की आस लगायी. हरियाली व बागों के साथ-साथ स्वच्छता की पहचान हजारीबाग बन जाये. मतदाताओं के उम्मीदों पर पानी फिर गया. जब पिछले कई वर्षों से बरसात के दिनों में जल जमाव का दंश लोगों को झेलना पड़ा, जब पूरा शहर जलमग्न हो गया. हजारीबाग शहर काफी उंचाई पर बसा है. शहर के सभी बड़े नाले की सफाई नहीं होने से यह स्थिति हुई थी. नालियों में पानी बहने के बजाय कूड़ा करकट जमे है. सड़कों से ऊपर नाली रहने से पानी सड़कों पर बहता है. शहर में गंदगी से जनता परेशान है. इन परेशानियों से जूझने के बाद जब उम्मीदवार बड़े-बड़े सपने दिखा कर चुनावी वायदे की बात करते है, तो मतदाता अपना गुस्सा हंस कर निकालते है. ऐसे में नगर निगम चुनाव में चुनावी मुद्दें मतदाताओं को गोलबंद कर रहे है.
मटवारी गांधी मैदान में गंदगी व गड्ढे
हजारीबाग. शहर के रिहायसी इलाके में मटवारी गांधी स्थित है. यहां सुबह-शाम हजारों लोग टहलते है. बच्चे छुट्टी के दिन दिनभर इस मैदान में खेलते-कूदते है. इस मैदान के सुंदरीकरण का काम शुरू जरूर हुआ है.
लेकिन आधे-अधूरे योजना से मैदान की स्थिति और खराब हो गयी है. फुटपाथ बनाने के लिए जगह-जगह गड्ढा कर दिया गया है. कुत्ता, सूअर व अन्य जानवर के मैदान में प्रवेश रोकने के लिए कोई काम नहीं हुआ है. मैदान में गंदगी की सफाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. नगर निगम मटवारी गांधी मैदान के सामने सैकड़ों दुकान बना कर चार करोड़ से अधिक राशि प्राप्त की है. गांधी मैदान में प्रतिदिन सफाई कर्मी तक नहीं भेजा जाता है. यही हाल शहर के बाकी मैदानों का है.
कंबैक मशीन खराब, सेप्टिक टैंक की सफाई रुकी
हजारीबाग. नगर निगम हजारीबाग के पास दो लाख आबादी व 30 हजार से अधिक घरों, होटल, दुकानों के सेप्टिक टैंक सफाई के लिए एक मात्र कंबैक मशीन है.
यह मशीन भी कई माह से खराब है. किसी के घर का सेप्टिक टैंक भर जाये, तो सफाई नहीं हो पायेगी. गंदगी सड़क या नाली पर बहेगी. एक सेप्टिक टैंक सफाई के लिए 1200 रुपये की रसीद नगर निगम में कटाना होगा. इसके बाद सेप्टिक टैंक सफाई के लिए कब नंबर आयेगा, यह पता नहीं है. सेप्टिक टैंक भरने से घर के लोगों के साथ-साथ पूरे मुहल्ले के लोग परेशान हो रहे है. पिछले 10 साल में सेप्टिक टैंक सफाई के लिए नगर निगम ने दो गाड़ी की व्यवस्था तक नहीं की. चुनाव में यह भी एक बड़ा मुद्दा बना है.