डॉ सुभाष मुखोपाध्याय को मिले उनकी जन्मभूमि पर सम्मान

हजारीबाग : हजारीबाग में जन्मे डॉ सुभाष मुखोपाध्याय को अपनी जन्मभूमि पर उचित सम्मान दिलाने की आवश्यकता शहरवासियों ने जतायी है, ताकि इतिहास के पन्नों में गुम होने से पहले युवा पीढ़ी के बीच फिर से वह प्रेरणास्रोत बने. भारत की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिलाने का श्रेय डॉ सुभाष मुखोपाध्याय को है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2018 3:24 AM

हजारीबाग : हजारीबाग में जन्मे डॉ सुभाष मुखोपाध्याय को अपनी जन्मभूमि पर उचित सम्मान दिलाने की आवश्यकता शहरवासियों ने जतायी है, ताकि इतिहास के पन्नों में गुम होने से पहले युवा पीढ़ी के बीच फिर से वह प्रेरणास्रोत बने. भारत की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिलाने का श्रेय डॉ सुभाष मुखोपाध्याय को है. इस बात को सुन हर कोई थोड़ी देर के लिए सांसें भरता है.

उनकी आंखें आश्चर्यचकित हो जाती है. डॉ सुभाष मुखोपाध्याय को उनके कार्यों के लिए सम्मान कैसे मिले और वह हजारीबाग के लोगों के दिलों दिमाग में कैसे जीवित रहें, इसके लिए पहल की जरूरत है. वर्ष 2007 में डॉ सुभाष मुखोपाध्याय के कार्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली. उनकी उपलब्धियों को डिक्शनसी ऑफ मेडिकल बॉयोग्राफी में शामिल किया गया. इसमें पूरी दुनिया के चिकित्सकों की उपलब्धियों का वर्णन है. प्रभात खबर ने हजारीबाग के लोगों से डॉ सुभाष मुखोपाध्याय की यादों को ताजा करने व सम्मान दिलाने के लिए प्रबुद्ध लोगों से उनके विचारों को आमंत्रित किया है.

डॉ मुखोपाध्याय को मिले सम्मान: ध्रुव चक्रवर्ती
ध्रुव चक्रवर्ती अन्नदा उवि हजारीबाग के इतिहास विषय के सेवानिवृत्त शिक्षक व हजारीबाग की आदि कथा पुस्तक के लेखक हैं. उन्हें हजारीबाग की इतिहास के साथ बंगाली समाज के योगदान व हजारीबाग से जुड़ाव की बेहतर जानकारी है. उन्होंने बताया कि डॉ सुभाष मुखोपाध्याय का नाम जरूर सुना, लेकिन जाना आपके अखबार के माध्यम से. इसमें जो जानकारी दी गयी हैं. मेरे पास कोई प्रामाणिक तथ्य का अभाव है. इतना सुना है कि उनकी शिक्षा संत कोलंबा कॉलेजिएट उवि मिशन स्कूल में हुई थी.
यह भी सुना था कि वे मैट्रिक में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए थे. उन्होंने कहा: जिस तरह से रवींद्रनाथ ठाकुर, आचार्य जगदीश चंद्र बोस, अर्मत्य सेन आदि विद्वानों को भारत में सम्मान मिला, उसी तरह झारखंड की भूमि हजारीबाग में जन्मे डॉ सुभाष मुखोपाध्याय को सम्मान मिले. हजारीबाग के प्रबुद्ध नागरिकों, राजनेताओं एवं सरकार से निवेदन है कि वे भी सही कदम उठायें. झारखंड एकेडमिक बोर्ड, इंटरमीडिएट व विश्वविद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रमों में उनकी जीवनी का उल्लेख हो.
श्री चक्रवर्ती ने यह भी बताया कि हजारीबाग में एक बोर्ड गठित हो. उसमें सभी वर्गों के बुद्धिजीवी लोगों को शामिल किया ये. झारखंड सरकार के सामने प्रस्ताव रखा जायेगा. श्री चक्रवर्ती ने हजारीबाग के बंगाली समाज से अपील की है कि वे डॉ सुभाष मुखोपाध्याय की जीवनी से जुड़े तथ्य मिलने पर प्रभात खबर कार्यालय को सूचित करें.
वे सम्मान के हकदार हैं : अजीत बनर्जी
अजीत बनर्जी अन्नदा उवि हजारीबाग से सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक हैं. इन्होंने कहा कि डॉ सुभाष मुखोपाध्याय का नाता हजारीबाग से है. वह सम्मान के हकदार हैं. दुनिया भर में इनकी यादों को बरकरार रखने की जरूरत है. शहर के चौक-चौराहों पर प्रतिमा लगे. किसी मार्ग का नाम उनके नाम पर रखा जाये.
हजारीबाग में हो स्मारक : अभिजीत
वरिष्ठ पत्रकार अभिजीत सेन ने कहा कि डॉ मुखोपाध्याय ने हजारीबाग में जन्म लिया है, तो उनके नाम पर हजारीबाग में एक स्मारक हो. सरकार उनकी तस्वीर की खोज करे व स्मारक बनवाये. उनकी जीवनी एवं कृतियों से संबंधित जानकारियों को संग्रह किया जाये, ताकि आज के लोग पूरी जानकारी ले सकें.

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