चौपारण : इच्छा शक्ति प्रबल हो और आत्म विश्वास अटल रहे तो जीवन की मंजिल करीब हो जाती है. लगन से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के आड़े बाधाएं नही आती. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. प्रखंड के ग्राम पंचायत बहेरा के ग्राम जोकट तिलैया निवासी संतोष कुमार यादव ने. संतोष का चयन बैज्ञानिक के पद पर हुआ है.
संतोष के पिता रूपलाल यादव पेशे से किसान हैं. खेतीबारी कर घर परिवार का भरण पोषण करते हैं. घर की माली स्थित भी अच्छी नही है. आज भी वे मिट्टी से बने खपरैल मकान में पूरे परिवार के साथ रहते हैं. संतोष की प्राथमिक शिक्षा गांव के ही प्राइवेट स्कूल शिशु विद्या मंदिर से हुई है.
संतोष ने वर्ष 2008 में मैट्रिक की परीक्षा अमोली अपूर्वा हाईस्कूल से पास की. उसके बाद इंटरमीडिएट साइंस की पढ़ाई संत कोलंबस हजारीबाग किया. उसके बाद संतोष पैसे के अभाव में कुछ दिनों तक कई बैंकों का चक्कर लगाता रहा. इसी बीच बैंक ऑफ इंडिया की शाखा चौपारण ने शैक्षणिक कर्ज देने की सहमति दी.
एजुकेशन लोन लेकर संतोष ने बीआईटी सिंदरी से बीटेक किया. इसके बाद वे 2017 में एमटेक के लिए आईआईटी, खड़गपुर बंगाल चले गये. संतोष खड़गपुर में एमटेक की पढ़ाई कर रहे थे कि इसी बीच भाभा परमाणु अनुशंधान केंद्र की प्रतियोगिता परीक्षा में बैठे. जहां पहली बार में ही संतोष का चयन अनुशंधान केंद्र में वैज्ञानिक पद पर हुआ है.
संतोष का एक बड़ा भाई है. जो मुंबई में ऑटो चलाता है. संतोष, चार भाई बहन में तीसरे स्थान पर हैं. संतोष को वैज्ञानिक बनने पर विधायक मनोज यादव, प्रमुख नीलम कुमारी, जीप सदस्य रामस्वरूप पासवान, मुखिया संघ अध्यक्ष राजदेव यादव, उनके चाचा महाबीर यादव, पूरन यादव, अशोक यादव, प्रधानाध्यापक दयानंद सिंह, केदार यादव, प्रसादी यादव सहित कई लोगों ने बधाई दी है.