इमली कोठी चौक के लगा बैरियर
हजारीबाग : हजारीबाग शहर में छह माह बाद सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक हाइवा समेत 10 चक्का ट्रकों का प्रवेश निषेध होगा. जनता को जाम से मुक्ति मिले, इसके लिए हजारीबाग चतरा रोड में कूद रेलवे स्टेशन के समीप ओवरब्रिज के पास और हजारीबाग बड़कागांव रोड में इमली कोठी चौक के पास […]
हजारीबाग : हजारीबाग शहर में छह माह बाद सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक हाइवा समेत 10 चक्का ट्रकों का प्रवेश निषेध होगा. जनता को जाम से मुक्ति मिले, इसके लिए हजारीबाग चतरा रोड में कूद रेलवे स्टेशन के समीप ओवरब्रिज के पास और हजारीबाग बड़कागांव रोड में इमली कोठी चौक के पास नो इंट्री का बैरियर लगाया गया है. यह निर्णय डीसी रविशंकर शुक्ला ने रोड सेफ्टी बोर्ड की बैठक में लिया. इमली कोठी चौक के पास एएसआइ सुरेश्वर सिंह और कूद के पास एएसआइ मान सिंह मरांडी के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किये गये हैं. जिला प्रशासन के इस निर्णय का शहरवासियों ने स्वागत किया है.
शहरवासियों की खत्म होगी परेशानी : चतरा जिला के अम्रपाली और मगध कोलियरी से कोयला लोडिंग के बाद हाइवा व ट्रकों का परिचालन चरही रेलवे रैक, भुरकुंडा, उरीमारी, पतरातू, गोला और जमशेदपुर के लिए होता है. कोयला पहुंचाने के लिए शहर की घनी आबादी के बीच से भारी वाहनों के गुजरने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी थी.
एक हजार से अधिक वाहनों का परिचालन 24 घंटे चतरा रोड से खिरगांव चौक, लक्ष्मी टॉकीज सिनेमा से मेन रोड होते हुए पंच मंदिर चौक, सुजायत चौक, सरदार चौक होते हुए इमली कोठी चौक, हुरहुरू रोड होते हुए एनएच-33 हजारीबाग-रामगढ रोड पर होता था. ये वाहन शहर के अंदर एक दर्जन से अधिक स्कूलों से होते हुए गुजरते थे. घनी आबादी के कारण रोजाना दुर्घटनाएं होती थी. लोगों का कारोबार भी प्रभावित हो गया था. धूल गर्द से राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया था. लोग अपने घरों के बाहर खड़ा नहीं हो पा रहे थे. इन परेशानियों को लेकर लोगों में आक्रोश था.
स्कूली बच्चों को मिली राहत
नो इंट्री का बैरियर लगने से सबसे अधिक राहत स्कूली बच्चों को मिली है. कूद, मसरातू, सुल्ताना, डोमोडीह समेत दर्जनों गांव की लड़कियां व लड़के साइकिल से शहर के स्कूलों में प्रतिदिन पढ़ने आते हैं. डामोडीह की छात्रा निखहत आसमीन, मेहर अंजुम, फरीन परवीन, अहमद रजा, मो फरहान, रौशन ने कहा कि अब हाइवा व दस चक्का ट्रक नहीं आने से उनकी परेशानी दूर होगी. अभिभावक भी परेशान नहीं होंगे.
राहगीर भी खुश
रेवाली गांव का संदीप कुमार प्रतिदिन साइकिल से शहर काम करने के लिए आता है. हर दिन ट्रक व हाइवा के परिचालन से मन में दुर्घटना का भय बना रहता था. संदीप ने कहा कि अब उन्हें राहत मिली है.