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Jharkhand के पूर्व मंत्री देवदयाल कुशवाहा पंचतत्व में विलीन

हजारीबाग : झारखंड के दिवंगत पूर्व कृषि सहकारिता मंत्री देवदयाल कुशवाहा गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गये. राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गयी. उनके शव को भारतीय जनता पार्टीऔर तिरंगा झंडा में लपेटा गया था. पुलिस के जवानों ने उन्हें सलामी दी. पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हजारीबाग के पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2018 2:42 PM

हजारीबाग : झारखंड के दिवंगत पूर्व कृषि सहकारिता मंत्री देवदयाल कुशवाहा गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गये. राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गयी. उनके शव को भारतीय जनता पार्टीऔर तिरंगा झंडा में लपेटा गया था. पुलिस के जवानों ने उन्हें सलामी दी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हजारीबाग के पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा, विधायक मनीष जायसवाल, भुनेश्वर मेहता, डीसी रविशंकर शुक्ला, एसपी मयूर कन्हैया, एसडीपीओ सहदेव साव, बीडीओ रामरतन वर्णवाल समेत सभी राजनीतिक दलों के नेता औरभारीसंख्या में क्षेत्र के लोग उनकी शव यात्रा में शामिल हुए.

बुधवार को दोपहर 1:15 बजे रांची के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था. 82 वर्ष के कुशवाहा केशव को रांची से उनके पैतृक गांव ले जाया गया.गुरुवारको झुमरा तिलैया श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. बड़े पुत्र प्रकाश दयाल ने मुखाग्नि दी. भाजपा के वरिष्ठ नेता देवदयाल कुशवाहा हमेशा जनता से जुड़े रहे. राजनीतिकी चमक-दमक ने उन्हें कभी आकर्षित नहीं किया.

हजारीबाग के झुमरा में जन्म

देवदयाल कुशवाहा का जन्म वर्ष 1936 में हजारीबाग जिला के झुमरा में हुआ था. जिला स्कूल हजारीबाग से मैट्रिक और संत कोलंबा कॉलेज से बीए की पढ़ाई करने के बाद महेशरा हाई स्कूल में शिक्षक बने.10 वर्षों तक शिक्षण कार्य के बाद इस्तीफा देकर राजनीति में प्रवेश किया. वह दो बार महेशराके सरपंच बने.

भाजपा से जुड़े

वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गये. वर्ष 1985 में भाजपा जिलाध्यक्ष किसानमोर्चा का दायित्व संभाला. वर्ष 1985 में भाजपा के टिकट से पहलीबार चुनाव लड़े, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी एचएच रहमान से हार गये. इसके बाद 1990, 1995 और 2000 में लगातार तीन बार भाजपा के टिकट पर हजारीबाग सदर विधानसभा से एमएलए चुने गये. वर्ष 2000 में पहली बार कृषि मंत्री बने. अर्जुन मुंडा की सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री का भी दायित्व संभाला.

अंतिम समय तक खतियानी परिवारसेजुड़े रहे

तीन-चार वर्षों से खतियानी परिवार कमेटी में सक्रिय थे. इस मंच का इस्तेमाल सामाजिक व स्थानीय विकास के मुद्दों को उठाते थे. बेरोजगारी, किसानों की समस्या, प्रदूषण, राजनीति में स्थानीय लोगों की भागीदारी और हजारीबाग जिले के विकास पर होने वाले किसी भी आंदोलन की वह मुखर आवाज थे. हजारीबाग शहर के सभी ज्वलंत मुद्दों पर बात करते थे. इसके लिए वह लगातार दो साल से साप्ताहिक पत्रकार सम्मेलन करते थे. इसमें जनता की मांगों को मीडिया में रखते थे.

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