जंगलों की कटाई से गांवों में घुस रहे वन्य प्राणी, ग्रामीणों ने पकड़ा नीलगाय का बच्चा

– वन विभाग को सुपुर्द करने को लेकर रेंजर को दी गयी सूचना संजय सागर@बड़कागांव बड़कागांव वन क्षेत्र में जंगलों की अवैध कटाई के कारण जंगली पशु-पक्षी असुरक्षित नजर आ रहे हैं. इसका उदाहरण आज देर शाम बड़कागांव वन क्षेत्र के ग्राम चमगढ़ा में देखने को मिला. सोमवार के देर शाम नीलगाय का बच्चा जंगल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2018 7:41 PM

– वन विभाग को सुपुर्द करने को लेकर रेंजर को दी गयी सूचना

संजय सागर@बड़कागांव

बड़कागांव वन क्षेत्र में जंगलों की अवैध कटाई के कारण जंगली पशु-पक्षी असुरक्षित नजर आ रहे हैं. इसका उदाहरण आज देर शाम बड़कागांव वन क्षेत्र के ग्राम चमगढ़ा में देखने को मिला. सोमवार के देर शाम नीलगाय का बच्चा जंगल से निकल कर खेत-खलिहानों में विचरण कर रहा था. उक्त नीलगाय का बच्चा धान के फसलों व घास को खा रहा था.जिसे ग्रामीणों ने देखा.

ग्रामीणों ने उसे धान के खेत से निकालने का प्रयास किया. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त बच्चा नीलगाय का है. जिसे गांव लाकर बांध दिया गया. रेंजर को सूचित किया गया. उक्त गाय के बच्चे को देखने के लिए ग्रामीणों की काफी भीड़ लग गयी. इस तरह से कई बार नील गाय के बच्चे हिरण के बच्चे आदि जंगलों से बाहर निकल कर गांव में आ जा रहे हैं.

ज्ञातव्य हो कि लगातार जंगलों की कटाई के कारण जंगली पशु पक्षी परेशान हैं. कभी नीलगाय तो कभी हिरन तो कभी हाथी जंगलों से भागकर गांव की ओर आ जाते हैं. दो-तीन माह पहले सिकरी पंचायत में भी जंगल से निकलकर नीलगाय गांव की ओर आ गयी थी, जिसे ग्रामीणों ने पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया गया था.

केरेडारी के जंगलों से वज्र किट गांव की ओर आ गया था. एक बस की चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी थी. प्रमुख राजमुणि देवी, अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार, सिविल सोसायटी के अध्यक्ष मनोज गुप्ता, कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष पंकज गुप्ता, न्यू वन विभाग से जंगलों की रक्षा एवं जंगलों में जंगली जानवरों के लिए तालाब बनाने की मांग की है. इन समाज सेवकों का कहना है कि जंगलों को घना जंगल बनाया जाए और जंगलों में पानी के लिए तालाब व डोभा की व्यवस्था कर दी जाए तो जंगली-जानवर गांव की ओर नहीं भागेंगे.

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