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आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो ने 14 गांव में स्‍वराज स्वाभिमान पदयात्रा चलाया

– सत्ता का केंद्र दिल्ली नहीं गांव हो : सुदेश महतो संजय सागर@बड़कागांव आजसू पार्टी के सुप्रीमो सह पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने स्वराज स्वाभिमान पदयात्रा के तहत बड़कागांव प्रखंड के 14 गांवों का दौरा किया. श्री महतो सर्वप्रथम ग्राम आरा आरा चेपाकला समेत अन्य गांव में चौपाल लगाकर राज्य में स्वाभिमान स्वराज स्थापित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2018 8:54 PM

– सत्ता का केंद्र दिल्ली नहीं गांव हो : सुदेश महतो

संजय सागर@बड़कागांव

आजसू पार्टी के सुप्रीमो सह पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने स्वराज स्वाभिमान पदयात्रा के तहत बड़कागांव प्रखंड के 14 गांवों का दौरा किया. श्री महतो सर्वप्रथम ग्राम आरा आरा चेपाकला समेत अन्य गांव में चौपाल लगाकर राज्य में स्वाभिमान स्वराज स्थापित करने को लेकर लोगों को जागरूक किया. चौपाल में मुखिया गुलाब देवी, रामदुलार साव, ललन कुमार महतो, सोभी लाल महतो समेत पंचायत प्रतिनिधियों ने एनटीपीसी द्वारा जबरन जमीन लिए जाने, कोयला खदान में बाहरी लोगों को रोजगार न दिये जाने एवं स्थानीय लोगों को रोजगार देने, प्रदूषण, पारा शिक्षकों का समान काम समान वेतन संबंधी बातें उठायी गयीं.

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने चेपाकला में चौपाल को संबोधित करते हुए कहा कि स्वराज सभा में स्वाभिमान पदयात्रा 2 अक्टूबर से चल रहा है. यह यात्रा रामगढ़ के हेसा लौंग से शुरू किया. 5,000 गांव में पदयात्रा करने का लक्ष्य है. अब तक मैं 500 से अधिक गांव में पदयात्रा कर चुका हूं. स्वराज का अर्थ है अपना राज एवं स्वाभिमान का मतलब है आम लोगों का सम्मान. मैं अपने राज्य में आम लोगों की सम्मान के लिए लोगों को जागरुक कर रहा हूं.

उन्होंने विस्थापन के मामलों को उठाते हुए कहा कि मैं भी विस्थापित गांव से आया और मेरे साथ रोशन लाल चौधरी, देव शरण भगत भी चल रहे हैं, ये भी विस्थापित गांव के हैं. इन नेताओं का प्रयास रहा कि सीसीएल में लोकल लोगों को नौकरी मिले. एनटीपीसी द्वारा खनन कार्य चल रहा है. इस की लड़ाई में आप संघर्ष कर रहे हैं. मैं भी आपके साथ लड़ाई लड़ने आया हूं. पहले बड़कागांव में आंदोलन मजबूत था, लेकिन अब आंदोलन को कमजोर गांव के लोग ही कर रहे हैं.

23 पंचायतों में एकता बनाए रखें. विस्थापन की लड़ाई जारी रखें. मैं आपके साथ हूं. सरकार की धमकी आ सकती है. इससे डरें नही. क्योंकि आजादी की लड़ाई में भी डराया धमकाया गया था. जेल भेज दिया गया था. डंडे चलाये गये थे. लेकिन उस समय लोग नहीं डरे. तो आज अपनी जमीन को बचाने के लिए आप भी ना डरें. श्री महतो ने यह भी कहा कि सरकार की मंशा जमीन लेना है ना कि अन्य विकास कार्यों पर प्रयासरत नहीं है. गांव में बहुत ऐसे वृद्ध हैं जिन्हें पेंशन नहीं मिलता. इसके लिए स्थानीय अधिकारी प्रयास नहीं करते हैं. बल्कि जमीन लेने के लिए जी जान लगा देते हैं.

सत्ता का केंद्र गांव में हो

उन्होंने कहा कि सत्ता का केंद्र दिल्ली नहीं बल्कि गांव में होनी चाहिए. इसलिए समग्र विकास करना हो तो गांव में पहले ध्यान देना होगा. गांव के पंचों से बात करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोई योजना सरकार बनाती है या कंपनी जमीन लेना चाहती है तो पंचों से बात किए बिना नहीं लेना चाहिए. मैं इसी की लड़ाई लड़ता आया हूं. इसलिए मैं गांव में चौपाल लगाकर आम लोगों से राय लेने आया हूं.

उन्होंने एनटीपीसी के मामले में कहा कि वार्ड सदस्य से लेकर एमपी कि चुनाव लड़ने लोग एनटीपीसी के मुद्दे को उठाया होंगे लेकिन भी नहीं कर पाये होंगे. इसका कारण है सरकार के अधिकारी फैसला दे रहे हैं. जनप्रतिनिधि नहीं दे पा रहे हैं. फैसला जनप्रतिनिधियों को करनी चाहिए.

रेलवे लाइन व सड़क आम लोगों के लिए नहीं, कोयला के लिए बना है

श्री महतो ने आगे अभी कहा कि हजारीबाग में रेलवे लाइन व सड़कें पब्लिक के लिए नहीं बल्कि कोयला ढोने के लिए बनाया जा रहा है. उन्होंने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि डरा धमकाकर जमीन लेना चाहेंगे लेकिन जमीन नहीं दे. जमीन से रिश्ते जोड़कर रखें. इसे टूटने ना दें. जमीन को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचा कर रखें. क्योंकि जिस जमीन पर आज हम सभी जी रहे हैं, उस जमीन पर कितने पूर्वज गुजर गये और आने वाले कितने पीढ़ियों के जीवन यापन चलेगी.

पारा शिक्षकों के साथ गलत व्यवहार

पारा शिक्षकों द्वारा उठाये गये मामले को लेकर सुदेश कुमार महतो ने कहा कि संगीन अपराध करने वाले लोगों को सरकार गले लगा रही हैं. वहीं गांव में गरीब के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के साथ गलत व्यवहार कर रही है. जबकि पारा शिक्षकों को अभिभावक की तरह गले लगा कर सम्मान करना चाहिए. उनकी मांगों को सुनना चाहिए.

बीडीओ राज से निकले पब्लिक राज में आए

सुदेश कुमार महतो ने कहा कि झारखंड में जिस तरह का माहौल है उस तरह से ऐसा लगता है जैसे हम बीडीओ का राजा है. जनता के जनप्रतिनिधियों का राज नहीं है इसलिए आप सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है. बीडीओ राज से निकलें और पब्लिक राज में आएं. तभी आपका समग्र विकास हो सकता है. मुखिया भी चुप नहीं रहें. उन्हें हक अधिकार के लिए मुंह खोलना होगा. जन वितरण प्रणाली के डीलरों द्वारा 35 किलो चावल देना चाहिए लेकिन वे गरीबों को 33 किलो चावल देते हैं इस पर लोगों की चुप्पी नहीं चलनी चाहिए.

कार्यक्रम में यह लोग उपस्थित थे

मौके पर आजसू पार्टी के महासचिव रोशन लाल चौधरी, डॉ लंबोदर महतो, केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, पूर्व डीआईजी डॉक्टर सुबोध प्रसाद, जिला अध्यक्ष विकास राना, जिला प्रधान महासचिव कोलेश्वर गंझु, आजसू के केंद्रीय सदस्य संदीप कुशवाहा, प्रखंड अध्यक्ष घनश्याम जयसवाल, रवि राम, लालचंद महतो, कपिल देव महतो, जिला सचिव विश्वनाथ महतो, मनोज चंद्रा, पारसनाथ सिंह सूरज नाथ महतो, जिला परिषद सदस्य नरेश महतो, जोगेश बेदिया, भोला महतो, तपेश्वर कुमार तापस, प्रखंड कार्यकारी अध्यक्ष चंदन सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष राजा खान, सब्बू खान, सचिव कामेश्वर महतो, गौतम वर्मा, दिनेश महतो, लल्लू गुप्ता, राज मेहता, आशीष अंबास्ट, छक्कन बेदिया, कृष्णा साव, कृष्णा राम, विनोद राम, प्रभु राम, अर्जुन महतो, जागेश्वर गंजू, रमन गंजू, इतवा गंजू, तुलेश्वर राम, संगठन सचिव बृजकिशोर जायसवाल, मोहन महतो, मुखिया गुलाब देवी, रूद्र नारायण महतो, हिमानी साहू, सुधांशु कुमार, राकेश कुमार, सूरज कुमार, सोनू कुमार के अलावा हजारों आजसू कार्यकर्ता मौके पर उपस्थित थे.

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