बीते चार माह से ईंट भट्ठा में बंधक बने 46 मजदूरों को प्रशासन ने कराया मुक्त

बड़कागांव थाना में मुक्त कराये गये बंधुआ मजदूर संजय सागर, बड़कागांव बीते 4 महीने से थाना क्षेत्र के बादम पंचायत अंतर्गत चल रहे ईंट भट्टे में छत्तीसगढ़ निवासी 46 मजदूरों को बंधक बनाकर रखने एवं उनसे जबरन काम कराने का मामला प्रकाश में आया है. जिसकी जानकारी मिलते ही हजारीबाग अनुमंडल पदाधिकारी, सीओ व बीडीओ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2019 9:15 PM

बड़कागांव थाना में मुक्त कराये गये बंधुआ मजदूर

संजय सागर, बड़कागांव

बीते 4 महीने से थाना क्षेत्र के बादम पंचायत अंतर्गत चल रहे ईंट भट्टे में छत्तीसगढ़ निवासी 46 मजदूरों को बंधक बनाकर रखने एवं उनसे जबरन काम कराने का मामला प्रकाश में आया है. जिसकी जानकारी मिलते ही हजारीबाग अनुमंडल पदाधिकारी, सीओ व बीडीओ द्वारा कार्रवाई की गयी और 39 मजदूरों सहित 46 को मुक्त कराया गया.

क्या है मामला

प्रखंड के बादम के नजदीक रुदी गांव में बादम निवासी अजहर इमाम द्वारा बीते कई वर्षों से ईंट भट्ठा का काम किया जा रहा था. जिसमें बाहरी मजदूरों को लाकर ईंट बनाने एवं उसे पकाने का काम किया जाता था. जिसमें छत्तीसगढ़ से 40 मजदूरों को लाकर बीते 4 महीने से बंधक बनाकर रखा गया और जबरन काम करवाया जा रहा था. साथ ही अभद्र व्यवहार करने का भी समाचार मिला है.

जिसकी सूचना मजदूरों द्वारा अपने घर टेलीफोन के माध्यम से दी गयी और मजदूरों के परिजनों ने हजारीबाग एसडीओ को जानकारी दी. इसके बाद एसडीओ के निर्देश पर बीडीओ व सीओ द्वारा संयुक्त छापामारी अभियान चलाकर उक्त बंधक मजदूरों को ईट भट्ठा मालिक से मुक्त कराया गया. मजदूरों में दर्जनों महिला व बच्चे शामिल हैं. छापामारी अभियान में बीडीओ राकेश कुमार, सीओ वैभव कुमार सिंह व पर्यवेक्षक पवन कुमार शामिल थे.

मामले को लेकर लेबर इंस्पेक्टर सुनील कुमार के द्वारा बड़कागांव थाना में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. इसके अलावा इसकी जानकारी चाइल्ड लाइन के सदस्य प्रमिला कुमारी एवं गुलेश्वर कुमार के द्वारा हजारीबाग चाइल्डलाइन को भी विस्तृत रूप से दी गयी.

वहीं, मामले को लेकर मजदूरी कर रहे सुरेंद्र कुमार ने बताया कि हम लोगों को छत्तीसगढ़ से तीन चार महीना पहले किसी दलाल के द्वारा बादम अजगर इमाम के चिमनी ईंट भट्ठा में काम के लिए लाया गया था. दलाल हम लोगों के साथ तीन चार रोज रहने के बाद भाग गया. वह भी छत्तीसगढ़ का ही रहने वाला था. उसका नाम और पता मालूम नहीं है. भट्ठा मालिक 6 दिन में एक परिवार को मजदूरी के नाम पर मात्र 500 रुपये देता था.

इतना ही नहीं उन लोगों के साथ 6 बच्चे भी थे. उन लोगों के साथ भी जबरन काम कराया जाता था. हमेशा ईट भट्ठा मालिक के द्वारा हम लोगों को बंधक के जैसा रखा जा रहा था. जिसका हम मजदूर लोग जब विरोध करते थे तब ईट भट्ठा मालिक हम लोगों पर बहुत अत्याचार करता था और जबरन काम करवाता था.

बंधक मजदूरों में छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत बिलासपुर जांजगीर कोटा सुनार आदि जिलों के शिवाराम बंजारे, गौतम दास बंजारे, रमेश कुमार, दिनेश बंजारे, विमल, लखन बंजारे, हेमू गंभीर, राम जोशी, मुकेश खंडोलकर, सुखनंदन मणि, श्याम रतन, मणि संपत बंजारे, रेवा गीत लहरी, फूल, अंजली बंजारे, प्रमिला बंजारी, लखन बंजारे, अजय कुमार राखी, बंजारी विजयलक्ष्मी, बंजारी कांतिभाई, पीली बाई सहित 46 महिला पुरुष मजदूर व बच्चे शामिल थे.

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